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Business Idea: रूफटॉप गार्डन के बारे में हम सभी जानते हैं. कई लोगों ने छत पर बागवानी करके अपना नाम बनाया है, लेकिन कौस्तब विश्वास ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने घर में ही अपने प्यार के लिए एक बगीचा बना लिया.
रूफटॉप गार्डन के बारे में हम सभी जानते हैं. कई लोगों ने छत पर बागवानी करके अपना नाम बनाया है, लेकिन कौस्तब विश्वास ने इंजीनियर की नौकरी छोड़कर अपने घर में ही अपने प्यार के लिए एक बगीचा बना लिया. उस बगीचे में कई प्रकार के फूल, बोन्साई, फल और सब्जियां हैं. उन्होंने इस बगीचे में टब में काले टमाटर लगाए और सिलीगुड़ी वासियों का ध्यान खींचा.
काले टमाटर या इंद्रधनुषी टमाटर में महत्वपूर्ण एंथोसायनिन एंटीऑक्सिडेंट होते है. कौस्तव बाबू का कहना है कि यह कैंसर के इलाज में लाभदायक है. इसके अलावा कई बीमारियों में इसका इसेतमाल किया जाता है.
यूं तो कौस्तब बाबू का बागवानी से लगाव बचपन से ही था लेकिन शहर के बढ़ने के साथ उनका पुराना बगीचा अब स्टेशन फीडर रोड पर एक बड़े घर में तब्दील हो गया है. उनकी इच्छा कभी नहीं मरी और उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़कर अपने घर की छत पर एक पूरा बगीचा बना लिया.
उद्यान डाहलिया गुलाब और कई फूलों, कई बैंगन के पेड़, शिमला मिर्च के पेड़ और विभिन्न फलों के पेड़ों से आच्छादित है. उन्होंने चार तरह के टमाटर उगाए. जार में काले टमाटर, पीले टमाटर, चेरी टमाटर, बड़े टमाटर उल्लेखनीय हैं.
टमाटर को सलाद और सब्जियों दोनों में बहुत महत्व दिया जाता है. यह विटामिन और स्वाद की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि टमाटर एक शीतकालीन सब्जी है, लेकिन अब इसे अक्सर अगेती फसल के रूप में उगाया जाता है. इसलिए अगर आप कोशिश करें तो टमाटर के इस पौधे को घर की छत पर टब में भी लगा सकते हैं.
कौस्तव बाबू ने कहा कि वे इस उद्यान का निर्माण इसलिए कर पाए क्योंकि उनके व्यस्त जीवन में उनके परिवार के सदस्य उनके साथ थे. वह रोजाना सुबह 5:30 बजे उठकर गार्डन की देखभाल करते हैं और काम के बाद दोपहर में गार्डन की देखभाल करने आते हैं. कौस्तब बाबू का मानना है कि अगर सब लोग ध्यान रखें तो यह टमाटर उगा सकते हैं.