SUMMARY
मौजूदा समय में आलू किसानों की मुख्य नकदी फसल है. लेकिन इसकी खेती से किसान खासे परेशान हैं. इस बार आलू की पैदावार कम है.
बाजार में आलू के भाव काफी कम हैं. ऐसे में किसानों को डर है कि लागत नहीं बढ़ेगी. पश्चिम बंगाल सरकार की पहल पर हर किसान से आलू खरीदने का एलान किया है, लेकिन किसान उस भाव पर आलू बेचने को तैयार नहीं हैं. इस बीच, इस साल मैदान सेव्यापारी भी सीधे किसानों से आलू खरीदने में आनाकानी कर रहे हैं. नतीजतन आलू किसानों की हालत बहुत खराब है. किसानों की मांग है कि कर्ज चुकाने के लिए आलू कम कीमत पर बेचना पड़ रहा है.
खेती कर पश्चिम मेदिनीपुर जिले के किसानों की नींद उड़ी हुई है. किसानों का दावा है कि अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष आलू की खेती करने से उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा है. हमें खेती के लिए रासायनिक खाद और बीज वाले आलू ऊंचे दामों पर खरीदने पड़ते थे. लागत प्रति बीघा अतिरिक्त पैसा है. खेती के बाद किसान देखते हैं कि इस बार आलू की पैदावार कम है.
जिले के घटल, चंद्रकोना, दासपुर सहित किसानों की यह है मांग इससे ऊपर आलू की कोई कीमत नहीं है, उन्होंने सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की. दूसरी तरफ राज्य सरकार ने किसानों से 650 रुपए पर आलू खरीदना शुरू किया, लेकिन किसान सरकार को आलू बेचने से कतरा रहे हैं. किसानों को माना जाता है सरकारी अनुदानित मूल्य पर आलू बेचें.
चंद्रकोना 1 व 2 प्रखंड के बीडीओ से शुरू होकर कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों के जाने और बताने में पहले ही तीखे विरोध का सामना करना पड़ चुका है. प्रशासन के अधिकारियों को किसानों की फटकार का सामना करना पड़ रहा है. ज्ञात हो कि वर्तमान में ज्योति आलू की कीमत 550 से 580 रुपए, के 22 आलू की कीमत 600 से 620 रुपए है. वहीं किसानों को लेकर राज्य सरकार की ओर से प्रखंड प्रशासन को गाइडलाइन भेज दी गई है.
बताया जाता है कि प्रत्येक किसान से 650 टके की दर से 25 क्विंटल आलू खरीदा जाता है.होगा लेकिन उन आलूओं को पैक करके कोल्ड स्टोरेज में पहुंचाना चाहिए. लेकिन अगर सरकार आलू खरीदती भी है तो नुकसान भी होता है इसलिए किसानों की मांग है कि सरकार आलू का सरकारी सब्सिडी मूल्य बढ़ाए. कीमत कम से कम 800-1000 रुपए हो तो खेती की लागत बढ़ जाएगी.
आलू की खेती में कितना खर्चा आता है? किसानों के मुताबिक एक बीघे में आलू की खेती पर 30-35 हजार रुपए खर्च किए गए हैं. किसानों को एक बीघे में 65 से 70 पैकेट आलू मिल रहे हैं, उन आलूओं को बेचकर किसानों को 20-25 हजार टाका मिल रहे हैं. किसान बुरी तरह से संकट में हैं. उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की.