होमफोटोएग्रीकल्चरमशरूम की फार्मिंग से आपको भी होगा फायदा, सीखने के लिए फ्री में ले सकते हैं ट्रेनिंग

मशरूम की फार्मिंग से आपको भी होगा फायदा, सीखने के लिए फ्री में ले सकते हैं ट्रेनिंग

मशरूम की फार्मिंग से आपको भी होगा फायदा, सीखने के लिए फ्री में ले सकते हैं ट्रेनिंग
Profile image

By Local 18  Feb 23, 2023 11:41:40 AM IST (Published)

Switch to Slide Show
Switch-Slider-Image

SUMMARY

Mushroom : आप मशरूम की खेती कर अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसके लिए आप फ्री में ट्रेनिंग भी ले सकते हैं.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG1 / 8
(Image: )

आज हम आपको मशरूम (Mushroom) की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं. बटन मशरूम (Button Mushroom) अब उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में उगाया जा रहा है. उत्तराखंड के किसानों में अब काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. उत्तराखंड के किसान लगातार मशरूम उत्पादन का काम कर रहे हैं. आपको बता दें कि ज्योली कोट उद्यान विभाग में भी मशरूम की किसानों को ट्रेनिंग दी जाती है. जो कि बिल्कुल निशुल्क होती है. एक बार में 35 से 40 किसानों को इसकी ट्रेनिंग दी जाती है. ज्यादा जानकारी के लिए आप मुख्य मशरूम विकास अधिकारी जगदीश चंद्र भट्ट से इस नंबर 9997231620 पर भी संपर्क कर सकते हैं.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG2 / 8
(Image: )

बटन मशरूम का उत्पादन कमरों में किया जाता है. इसके लिए कमरे स्वच्छ व हवादार होने चाहिए. खिड़कियां दरवाजे जालीदार हों, जिससे कि बाहर से कीड़े मक्खियों का प्रवेश न हो. स्वच्छ वायु के की अच्छी व्यवस्था हो, जिससे आवश्यकता के अनुसार स्वच्छ हवा का प्रवेश कमरे में लगातार बना रहे, कमरे की दीवारें व फर्श पक्के होने चाहिए. मशरूम इकाई के चारों ओर सफाई का होना नितांत आवश्यक हैं.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG3 / 8
(Image: )

मुख्य मशरूम विकास आधिकारी जगदीश चंद्र भट्ट ने बताया गया पर्वतीय क्षेत्रों में कम्पोस्ट बनाने हेतु, उत्पादन कक्ष के कुछ ही दूरी पर कम्पोस्टिंग शेड उचित रहता है. शेड पक्का हो, ऊंचाई लगभग 15 फीट एवं चारों ओर जालियां लगी होनी आवश्यक हैं. मशरूम का उत्पादन लकड़ी की पेटियों में या एच.डी.पी. ई. बैगों में किया जाता है. वर्तमान में एच.डी.पी.ई. बैगों का उपयोग मशरूम उत्पादन हेतु, काश्तकारों के लिए आर्थिक दृष्टि से लाभकारी है, यह जगह भी कम घेरते हैं एवं काफी समय तक उपयोग में लाये जा सकते हैं, इनकी कीमत भी कम होती है. काश्तकार इसे आसानी से खरीद सकते हैं. कम्पोस्ट से भरे बैग्स, कमरे में लोहे या लकड़ियों को दो या तीन रैकों में रखे जा सकते हैं.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG4 / 8
(Image: )

मशरूम कम्पोस्ट की तैयारी करने से पूर्व गेहूं का भूसा एवं रसायनों की व्यवस्था कर लेनी चाहिए. आमतौर पर काश्तकारों को उक्त सामग्री प्राप्त होने में काफी परेशानी होती है, व्यय भी अधिक हो जाता है. समुचित व्यवस्था नहीं कर पाने एवं समयाभाव के कारण अगर काश्तकार व अन्य इच्छुक लोग जो स्वयं कम्पोस्ट नहीं बना सकते हों तो उद्यान विभाग द्वारा स्थापित इंडो-डच मशरूम परियोजना ज्योलीकोट, मशरूम उत्पादन केन्द्र, भवाली एवं प्रसार अधिकारी मशरूम, देहरादून केन्द्रों से पाश्चुरीकृत विधि से बनायी गई बीजाई युक्त कम्पोस्ट सरकारी दरों पर अपनी मशरूम इकाई के लिए ले सकते हैं.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG5 / 8
(Image: )

अगर कम्पोस्ट काश्तकार द्वारा स्वयं बनायी जा रही है तो कम्पोस्ट शेड में तथा चारों ओर फफूंदी /कीटनाशकों का छिड़काव कर लेना आवश्यक है. कम्पोस्ट बनाने वाले सभी उपकरणों को 2% फार्मलीन के घोल से स्टरलाईज कर लेना चाहिए. कमरों में बिजाई किये गये कम्पोस्ट के बैग्स को रखने से पूर्व 4 प्रतिशत फार्मलीन का छिड़काव कर, कमरों को जीवाणु रहित (स्टरलाईज) करना आवश्यक है, छिड़काव के पश्चात्, कमरों की खिड़कियां, दरवाजे 24 घंटे के लिए बंद कर देना चाहिए. प्रयोग में लाये जाने वाले सभी उपकरण, पेटियों या बैग्स को जीवाणु रहित करना नितांत आवश्यक है. सफेद बटन मशरूम की खेती की प्रक्रिया विभिन्न अवस्थाओं में सम्पन्न की जाती है.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG6 / 8
(Image: )

मशरूम का उत्पादन कृत्रिम रूप से बनायी गयी विशेष खाद में किया जाता है जिसे कम्पोस्ट कहते हैं. खाद (कम्पोस्ट) को तैयार करने की दो विधियां हैं, जिससे प्रथम लम्बी विधि द्वारा कम्पोस्ट बनाना एवं दूसरी पाश्चराईजेशन (पाश्चुरिकरण) द्वारा अल्प अवधि की विधि है. इन विधियों द्वारा उत्तम व जीवाणु रहित कम्पोस्ट तैयार करने से अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG7 / 8
(Image: )

मशरूम का इतिहास ईसा से 300 वर्ष पूर्व से प्रारम्भ होता है. चीन में सर्वप्रथम मशरूम के उत्पादन सम्बन्धी प्रमाण मिले हैं और और कुलेरिया (ब्लैक इयर मशरूम) का उत्पादन भी सर्वप्रथम चीन में ही किया गया था. इसके अतिरिक्त वोल्वेरिला वाल्वेशिया (पैडी स्ट्रा मशरूम) तथा लॅटीनस इडोडस के उत्पादन की जानकारी भी चीन के लोगों को ही सर्वप्रथम ज्ञात थी. जहां तक इनके उत्पादन की विधि का प्रश्न है इसका उल्लेख नहीं मिला है. बटन मशरूम ( ऐगेरिकस बाइस्पोरस) की जानकारी सर्वप्रथम 1650 ई0 के लगभग फ्रांसीसियों को थी से पूरे यूरोपीय देशों में इसका प्रसार हुआ सर्वप्रथम बटन मशरूम गुफाओं इत्यादि में उगाया जाता था. टार्नफोर्ट नामक वैज्ञानिक ने फ्रांस में 1707 में बटन मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक विधि ईजाद की और लगभग 1810 ई. में फ्रांस एवं हालैण्ड में इसका कमरों के भीतर उत्पादन आरम्भ किया गया. 1831 में कैलो नामक वैज्ञानिक ने बटन मशरूम की खेती हेतु कम्पोस्ट तैयार करने की विधि विकसित की तथा उस समय स्पानिंग (बिजाई) खेतों इत्यादि पर उगने वाले बटन मशरूम के स्पॉन/माइसिलियम के टुकड़ों को कम्पोस्ट में डाल दी जाती थी. कान्ट्रेटीन ने 1824 में घोड़े की लीद में स्थान तैयार करने की विधि से अवगत कराया. जबकि शुद्ध स्पॉन बनाने की विधि का सन् 1905 में डगर ने आविष्कार किया.

एग्रीकल्चर
Image-count-SVG8 / 8
(Image: )

हमारे देश में सर्वप्रथम वैज्ञानिक तरीके से कृत्रिम माध्यम में मशरूम का उत्पादन 1943 में कोयम्बटूर में धान के पुआल पर उगने वाली मशरूम (वोल्वेरिला स्पी0) की खेती से प्रारम्भ हुआ. हिमांचल प्रदेश में 1961 में मशरूम विकास परियोजना प्रारम्भ की गई. 1977 में यू.एन.डी.पी. के सहयोग से हिमांचल प्रदेश के सोलन में मशरूम विकास परियोजना प्रारम्भ की गई. बटन मशरूम का व्यवसायिक उत्पादन भारतवर्ष में सर्वप्रथम महाराज पटियाला ने चैल (हरियाणा) में 1966 में आरम्भ किया जो कि उत्तरोत्तर प्रगति पर है। उत्तराखण्ड में सर्वप्रथम प्रायोगिक तौर पर औद्यानिक प्रयोग एवं प्रशिक्षण केन्द्र, चौबटिया (अल्मोड़ा) द्वारा बटन मशरूम की खेती वर्ष 1965 में प्रारम्भ की गई तथा इसके सफल उत्पादन हेतु उपयुक्त जलवायु एवं विधि भी इस केन्द्र द्वारा ही निर्धारित की गयी. उत्तराखण्ड की जलवायु विशेष रूप से बटन मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त है. बटन मशरूम 1000 फिट से 7500 फीट की ऊंचाई तक सुगमतापूर्व उगाया जा सकता है. मशरूम की खेती उत्तराखंड में एक कुटीर उद्योग के रूप में विकसित होकर क्षेत्रीय उत्पादकों, लघु एवं सीमान्त कास्तकारों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में अपना अमूल्य योगदान दे सकती है.

बिजनेस की लेटेस्ट खबर, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार (स्टॉक मार्केट) की ब्रेकिंग न्यूज और स्टॉक टिप्स, इन्वेस्टमेंट स्कीम और आपके फायदे की खबर सिर्फ CNBCTV18 हिंदी पर मिलेगी. साथ ही अपने फेवरेट चैनल सीएनबीसी आवाज़ को यहां फोलो करें और लाइक करें हमें फेसबुक और ट्विटर पर.
arrow down
CurrencyCommodities
CompanyPriceChng%Chng