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Business Idea: कड़कनाथ मुर्गियों की पोल्ट्री फार्मिंग में मुनाफा सामान्य मुर्गियों की तुलना में कई गुना अधिक होता है. इस नस्ल के मुर्गे का पालन करके आप आसानी से लाखों रुपए कमा सकते हैं.
कड़कनाथ मुर्गियों की पोल्ट्री फार्मिंग में मुनाफा सामान्य मुर्गियों की तुलना में कई गुना अधिक होता है. इस नस्ल के मुर्गे का पालन करके आप आसानी से लाखों रुपए कमा सकते हैं. किसानों की आय बढ़ाने के लिए जलपाईगुड़ी कृषि विभाग ने एक नई पहल की है.
जलपाईगुड़ी कृषि विभाग सदर प्रखंड के दास पारा में एक परियोजना के माध्यम से स्थानीय निवासियों की आय बढ़ाने की पहल काफी सफल हो रही है.किसान क्लब के सदस्यों ने कड़कनाथ मुर्गा पालन शुरू किया. अब कड़कनाथ मुर्गी के जरिए वह लाखों रुपए महीने की कमाई कर रहे हैं. 2,00,000 की लागत से 200 मुर्गी और 20 मुर्गे खरीदे थे. आज उनके पास 12000 कड़कनाथ मुर्गे हैं. इस समय हुए 1 लाख महीने तक बचा रहे हैं. विपिन का Kadaknath का साल का कारोबार करीब 40 लाख रुपए का है जिसमें उन्हें 15 लाख रुपए तक की कमाई हो रही है.
किसान क्लब के सदस्यों ने मुर्गियों की विभिन्न नस्लों को पालने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की है, जहां किसान मुर्गी पालन का लाभ उठा रहे हैं हालांकि वे रेपसीड फार्मिंग करते हैं लेकिन बत्तख और मुर्गे की फार्मिंग कर मुनाफा कमाने में उनकी खासी दिलचस्पी है.
ज्यादातर तीन प्रकार के मुर्गों का पालन किया जाता है. लेकिन कड़कनाथ मुर्गे के अंडे की कीमत थोड़ी अधिक है और मांस की मांग भी अधिक है. टर्की नस्ल के एक मुर्गे का वजन करीब 7 किलो होता है. इनके मांस का स्वाद भी लाजवाब होता है.
इस बारे में जानकारी देते हुए कृषि अधिकारी शुभो दास ने बताया कि किसान क्लब के सदस्यों को सरकार द्वारा खाकी कैम्पबेल हास एवं मछली पालन के साथ-साथ कड़कनाथ और अन्य मुर्गियों की अन्य प्रजातियों की विभिन्न प्रकार से सहायता की जा रही है.
दासपारा किसान क्लब के सदस्य कमल दास ने इस प्रोजेक्ट में अपना अनुभव साझा करते हुए कहा 'मैं राज्य सरकार के कृषि विभाग के सहयोग से कड़कनाथ मुर्गे का पालन कर रहा हूं. देशभर के बाजार में इन मुर्गियों और अंडों की मांग है.
एक अन्य कृषि अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के कृषि विभाग ने एफपीओ, एफपीसी बनाने पर विशेष जोर दिया है ताकि इससे जुड़े ग्रामीण लोगों की आय साल भर बढ़े.