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काफल एक ऐसा फल है जो गर्मियों में खाने से शरीर को ठंडाई देता है और अब पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों का खट्टा-मीठा रसीला फल काफल बाजार में उतर आया है. साथ ही अब यह फल दुकान में भी बिकने लगा है
काफल एक ऐसा फल है जो गर्मियों में खाने से शरीर को ठंडाई देता है और अब पर्वतीय क्षेत्रों के जंगलों का खट्टा-मीठा रसीला फल काफल बाजार में उतर आया है. साथ ही अब यह फल दुकान में भी बिकने लगा है अभी काफल की कीमत 300 से 400 रुपए प्रति किलो है. इसके पेड़ ठंडी जलवायु में पाए जाते हैं. इसका लुभावना गुठली युक्त फल गुच्छों में लगता है. और गर्मी के मौसम में ये फल थकान दूर करने के साथ ही तमाम औषधीय गुणों से भी भरपूर है.
काफल के सेवन से स्ट्रोक और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व हाेने के कारण इसे खाने से पेट संबंधित रोगों से भी निजात मिलती है. यह फल स्थानीय लोगों को के लिए रोजगार का साधन भी बनता है. स्थानीय लोग का फल को पेड़ से तोड़कर मंडी तक लाते हैं और मंडी में इस फल को बेचते हैं जिससे किसानों को इससे लाभ होता है. काफल प्रारंभिक अवस्था में इसका रंग हरा होता है और अप्रैल माह के आखिर में यह फल पककर तैयार हो जाता है, तब इसका रंग बेहद लाल हो जाता है, लेकिन इस बार यह फल मार्च में ही यह फल पककर तैयार हो गया है.
स्थानीय दुकानदार धनपाल सिंह बिष्ट ने बताया कि इन दिनों काफल 400 से 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है. आमपड़ाव, बसगांव, चोपड़ा, बलियाखान, कूड़, खुरपाताल रामगढ़, भवाली क्षेत्र के विभिन्न गांवों के ग्रामीण इन दिनों शहर में काफल बेचने आते है.
इस साल बारिश ना होने से का फल जल्दी पक गया है और गर्मी भी तेजी से बढ़ रही है वैसे तो का फल अप्रैल के महीने में बाजारों में आता था लेकिन इस बार मार्च में ही का फल पक कर तैयार हो गया है.
काफल के अनेक औषधीय गुण आयुर्वेद में मिलते हैं. यह फल अपने आप में एक जड़ी-बूटी है. चरक संहिता में भी इसके अनेक गुणकारी लाभों के बारे में वर्णन है. काफल के छाल, फल, बीज, फूल सभी का इस्तेमाल आयुर्विज्ञान में किया जाता है.
काफल सांस संबंधी समस्याओं, डायबिटीज, पाइल्स, मोटापा, सूजन, जलन, मुंह में छाले, मूत्रदोष, बुखार, अपच, शुक्राणु के लिए फायदेमंद व दर्द निवारण में उत्तम है. नीचे कुछ ऐसे ही गुणकारी लाभों के बारे में बताया जाएगा जिससे काफल से लाभ प्राप्त होता है.