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Kisan Chachi : समस्तीपुर जिले के पूसा डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि में आयोजित किसान मेले में देश के अलग-अलग राज्यों से पहुंचे किसानों ने नई जानकारी दी.
Kisan Chachi : किसान मेले में एक ऐसा नाम ऐसा है जो हर एक की जुबां से नहीं हट रहा था, वो नाम 'किसान चाची' का था. क्योंकि मेले में लोग किसान चाची के अचार के इस कदर दीवाने हुए कि लोग अचार खाने के बाद अपनी उंगलियां तक चाटने लगे. बता दें की किसान चाची मुजफ्फरपुर जिले के सरैया गांव की रहने वाली है. राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ने बताया की 1990 की दशक में जब महिलाएं घर से बाहर कदम रखने में कतराती थी, उस दौर में हम खेती करना शुरू किए थे. वैज्ञानिक विधि से जैविक खेती से खेती करते थे. साल 2002 से मिक्स अचार बनाना शुरू किया. साइकल से लोगों के घर तक अचार पहुंचने लगे.
शुरुआती दौड़ में अचार बेचने में काफी परेशानी झेलनी पड़ी थी. लेकिन धीरे-धीरे लोगों को अचार का स्वाद पसंद आने लगा. जिससे लोग मेरे अचार के दीवाना होने लगे. लोगों के खाने की थाली में मेरा अचार दिखने लगा. सरैया की रहने वाली राजकुमारी देवी के अचार के स्वाद के दीवाने लोग हो चुके हैं. इसी का नतीजा है कि लोगों के खाने के हर एक थाली में इनके बनाए हुए अचार होते हैं. बताया जाता है कि जब मुजफ्फरपुर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कार्यक्रम था, उस दौरान राजकुमारी देवी जीविका से भी जुड़ी हुई थी.
उसी दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजकुमारी देवी के घर उनके अचार का स्वाद चखने के लिए पहुंचे थे. मुख्यमंत्री ने अचार का स्वाद चखते ही उनके अचार के दीवाने हो गए. उसी दौरान नीतीश कुमार ने उनके उम्र को देखते हुए उन्हें राजकुमारी देवी से किसान चाची कहके उन्हें सम्मानित किया. तब से राजकुमारी देवी किसान चाची के नाम से फेमस हो गई. आज किसान चाची के नाम से ही जानी जाती हैं.
बताया जाता है कि आज के दौरान किसान चाची एक ऐसा चेहरा है जिन्हें देखकर लोगों को सीखने की जरूरत है. 90 के दशक में जब महिलाएं घर से बाहर निकलने को कतराती थी, उस दौरान किसान चाची ने साइकिल पर सवार होकर खेती करना शुरू की. वैज्ञानिक तकनीकी से खेती करती थी. जिसके बाद उन्होंने अचार बनाना शुरू किया.
उनके अचार के दीवाने लोग इस तरह हुए की राजकुमारी देवी से वे किसान चाची बन गई. इन्हीं संघर्ष की कहानी और वैज्ञानिक विधि से खेती कर के कृषि के क्षेत्र में अलग नाम बनाने वाली किसान चाची को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया है. वहीं, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न मंचों पर उन्हें दर्जनों सम्मान मिला है.
किसान चाची महिला उद्यमी के रूप में अपनी अलग पहचान बना चुकी हैं, इनके द्वारा तैयार किये गए विभिन्न तरह के अचार के दीवाने देश भर के लोग हो चुके है. किसान चाची राजकुमारी देवी ने बताया की गरीबी को दूर करने के लिए 90 की दशक में मैंने सब्जी की खेती शुरू की. इसके बाद कुछ पैसा इकट्ठा हुआ तो अचार बनाना शुरू की. 2002 में बहुत छोटे पैमाने पर शुरुआत की.
लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने जब मेरे अचार का स्वाद चखा तो उन्होंने इसको आगे बढ़ाने को कहा. मुझे मदद भी की. इसके बाद मैंने इसको आगे बढ़ाना शुरू किया. आज 25 तरह की अचार बनाती हूं. उन्होंने कहा अचार का स्वाद आजतक नहीं बदलने कारण है मैंने मात्रा नहीं बदली. उसी का कमाल है आज यह बहुत फेमस है.