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Cumin Farming: नागौर जिले की एक ऐसी फसल जिसकी मांग दुनियाभर में लगातार बढ़ती जा रही है, इसका मुख्य कारण है कि जीरे का इस्तेमाल किसी भी लजीज खाने के लिए आवश्यता होती है.
नागौर जिले की एक ऐसी फसल जिसकी मांग दुनियाभर में लगातार बढ़ती जा रही है, इसका मुख्य कारण है कि जीरे का इस्तेमाल किसी भी लजीज खाने के लिए आवश्यता होती है. स्पाइसी व्यंजन बनाने में जीरे के तड़के की आवश्यकता होती है.
अरब देशों में खुल रहे रेस्टोरेंट की वजह से विश्व मार्केट में जीरे की मांग लगातार बढ़ रही है. ग्लोबल मार्केट में नागौर की पानमंथी अपने जायके के लिए प्रसिद्ध है. उसी प्रकार से नागौर का जीरा अपने स्वाद और पोषक तत्वों के लिए प्रसिद्ध है.
रबी की फसल कहलाने वाले जीरा में अनेक प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते हैं. जीरा एक बेहतरीन एंटी-ऑक्सिडेंट है. साथ ही यह सूजन को कम करने और मांसपेशियों को आराम पहुचांने में कारगर है. इसमें फाइबर भी पाया जाता है.
आयरन, कॉपर, कैल्शियम, पोटैशियम, मैगनीज, जिंक व मैगनीशियम जैसे मिनरल्स का अच्छा सोर्स भी है. इसमें विटामिन ई, ए, सी और बी-कॉम्प्लैक्स भी खासी मात्रा में पाए जाते है.इन्ही गुणकारी पोषक तत्वों की वजह से नागौर का जीरा विश्व भर में प्रसिद्ध है.
कृषि मंडी सचिव रघुनाथ सिंवर ने बताया कि वर्तमान समय में नागौर जिले के जीरे की मांग अरब देशों में ज्यादा बनी हुई है. क्योंकि अरब देशों में भारतीय लोगों के द्वारा भारतीय खान–पान की रेस्टोंरेट खोले जा रहें है. सिंवर का कहना विदेशों में फूड कल्चर चेंज होने की वजह सें लगातार जीरे की मांग बनी हुई है.