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पपीते की खेती से वह साल में ढाई लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर लेते हैं. इसे कहीं ले जाने की जरूरत नहीं, बाग से नियमित रूप से पपीता बिकता है.
पपीते की खेती से वह साल में ढाई लाख रुपए से ज्यादा की कमाई कर लेते हैं. इसे कहीं ले जाने की जरूरत नहीं, बाग से नियमित रूप से पपीता बिकता है. पपीते के बाग में व्यापारी आते हैं और पपीता खरीदते हैं. पिछले कुछ सालों में शिशु ओड ने आम के बागों में वैकल्पिक फसल के रूप में पपीते के पेड़ लगाए. अब वह उस बगीचे से सालाना दो से ढाई लाख रुपए कमा रहे हैं.
मालदा के रतुआ थाना क्षेत्र के बहिरकाप गांव निवासी शिशु ओडे यह राह दिखा रहे हैं कि आम के बागों में भी कोई दूसरी लाभदायक फसल उगाई जा सकती है. हाई स्कूल तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने अपने पिता का कृषि कार्य शुरू किया. उनके पास करीब तीन बीघे का आम का बाग है. साल में एक समय आम के बागान से आमदनी होती है. इसलिए उन्होंने आम के बाग के अंदर वैकल्पिक फसलों की खेती करने के बारे में सोचना शुरू किया. वहीं से पपीते की खेती का आइडिया आया. उन्होंने आम के बगीचे में खाली जगह पर पपीते के पेड़ लगाए गए हैं.