SUMMARY
लाल मिर्ची कईं तरह की होती है. इसे खरीदने से पहले आपको इसकी पहचान कर लेनी चाहिए कि ये असली है या नकली.
नागौर जिले में मेला मैदान में लाल सूखी मिर्ची (Red Chilli) की मार्केंट लगी हुई है. इसमें तीन तरह की लाल मिर्ची (Lal Mirch) आई हुई हैं, जो राजस्थान और गुजरात के हिस्सों की लाल सुखी मिर्ची नागौर में हैं. इन मिर्ची की खूबी अलग- अलग होती हैं. आप कई तरह से इनकी असली पहचान कर सकते हैं.
देश के विभिन्न हिस्सों में कई प्रकार की खेती की जाती हैं. लेकिन कुछ खास जगहों पर खास किस्म फसलों या सब्जियों या मसालों की खेती की जाती हैं तो वह अपनी खास किस्म की वजह से वह देशभर में अपनी पहचान बना लेती हैं. जिस प्रकार से नागपुर के संतरे, असम की चाय, नागौर की पानमंथी आंध्रप्रदेश का तंबाकू उसी प्रकार सें जोधपुर के सोयला गांव उसी गांव के आसपास की जगहों की लाल मिर्च भारतवर्ष में प्रसिद्ध हैं. आज उसी गांव की मिर्च की पहचान करने के यह नुक्सा अपनाया जा सकता हैं ताकि उपभोक्ता दूसरी निकली मिर्च लेने से बच सकें.
व्यापारी बाबूलाल जी टांक ने बताया कि यह सोयला गांव व आसपास के क्षेत्र में होने वाली मिर्ची अपने तीखे स्वाद व लाजबाब गुणवता के कारण प्रसिद्ध है. इसके अलावा यहां कि भूमि में मिर्ची की खेती करने के लिए विशेष प्रकार के तत्व पाये जाते हैं.
सोयला की लाल मिर्च - व्यापारी बाबूलालजी टांक ने बताया कि सोयला (जोधपुर) की मिर्च की पहचान करने का बेहद आसान तरीका होता हैं क्योंकि यह बाकि लाल मिर्चियों की बजाय इसका रंग नारंगी होता हैं. इसके साथ ही यह पानी में जल्दी घुल जाती है.
सोयला की मिर्च के ऊपर से प्लास्टिक जैसी पतली परत नहीं होती है. यह आकार में 8-10 सेमी की होती है. सोयला की लाल मिर्ची की खास विशेषता है कि यह स्वाद में तीखी व लंबे समय तक इसका रंग परिवर्तन नहीं होता है. इसका रंग नांरगी होता है.
बिराई की मिर्ची - यह सोयला की लाल मिर्च की तरह दिखती हैं परन्तु इसकी पहचान इस मिर्च के आकार से पता कर सकते है. इसका आकार 5-6 सेमी मीडियम होता है. साथ ही यह मिर्ची गहरा लाल रंग की होती है, साथ ही यह पानी में घुलने का समय लेती है. इसका स्वाद भी तीखा नहीं होता हैं. यह भी किस्म राजस्थान में पाई जाती है.
गुजराती लाल मिर्च - यह मिर्च के किस्म के नाम से पता चलता हैं कि यह गुजरात राज्य में पैदावार होती है. लेकिन यह मिर्ची क्वालिटी में सबसे हल्की मिर्च मानी जाती हैं. इसकी पहचान आकार के माध्यम से कर सकते हैं क्योंकि इनका आकार 3 - 4 सेमी होता है.
इस मिर्ची में प्लास्टिक जैसी हल्की परत पाई जाती हैं साथ यह लंबे समय के साथ अपना रंग परिवर्तन करके धनिये के रंग जैसा भूरा रंग हो जाता है. इसके अलावा यह पानी में 8 से 10 घंटे तक रहने के बाद पूर्णतया घुलनशील नहीं होती हैं. यह स्वादहीन मिर्ची होती हैं यानि कि बहुत कम तीखी होती हैं.
ऐसे करें सूखी लाल मिर्ची की पहचान? सोयला की लाल मिर्च 400 से 425 रुपये प्रति किलोग्राम व गुजरात की लाल मिर्च 250-300 रुपये प्रति किलोग्राम व बिराई की 325 -350 प्रति किलोग्राम मिलती हैं. यह मिर्ची साबुत हैं वही पिसाकर लाल मिर्च पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम भाव बढ़े जाते हैं.