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Success Story: अमित ने डेस्क संभाला और संबोधन के साथ अपना सुझाव देना शुरू किया लेकिन वो हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी के शब्दों का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे थे. यह सुन कर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने उन्हें बीच में ही टोका और बोले "ई बिहार है...हिंदी में बोलिए" . जिसके बाद अमित क्षमा याचना करते हुए अपने सुझाव को हिंदी में दिया.
लखीसराय जिले के रामपुर निवासी अमित ने एमबीए की पढ़ाई की है और उसमे अच्छी रैंक भी मिली है. जिसके बाद एक बड़ी कॉरपोरेट कंपनी का हिस्सा भी बने लेकिन कोरोना के दौरान अपने परिवार को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से अपने गांव आ गए. लेकिन हमेशा अपने आप को व्यस्त रखने वाले अमित को घर में बैठे बैठे अच्छा नही लग रहा था.
ऐसे में वो यहां भी कुछ करने की ठानी और मशरूम उत्पादन की बारीकियां सीखने लगे. जब उन्होंने ने इसकी बारीकियों को जाना तो अब समय था उसका इस्तेमाल करने का. उन्होंने महज 50 बैग से घर में मशरूम उत्पादन का शुरुआत किया और उसमे सफल भी रहे. इस सफलता ने उनके अंदर एक अलग विश्वास पैदा किया और उन्होंने इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर करने की तैयारी शुरू की.
चानन प्रखंड की महेशलेटा पंचायत के बिछवे गांव के पास उन्होंने अपनी जमीन के 15,000 स्क्वायर फीट भू-भाग पर शेड डालकर मशरूम की खेती शुरू की। अमित अपनी मेहनत से रोजाना लगभग अस्सी किलो मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. सौ से अधिक लोगों को मशरूम की खेती करने का प्रशिक्षण भी दे चुके हैं. वहीं कई लोगों को स्थाई एवं अस्थाई तौर पर रोजगार भी दे रहे हैं .
चौथे कृषि मैप को लेकर बापू सभागार पटना में किसान समागम का आयोजन किया गया था. जिसमें बिहार के लगभग पांच हजार किसान शामिल हुए थे. इस आयोजन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ साथ कई मंत्री एवं अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान लखीसराय के युवा मशरूम उत्पादक किसान अमित को अपना सुझाव देने के लिए बुलाया गया. अमित ने डेस्क संभाला और संबोधन के साथ अपना सुझाव देना शुरू किया लेकिन वो हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी के शब्दों का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे थे. यह सुन कर मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने उन्हें बीच में ही टोका और बोले "ई बिहार है...हिंदी में बोलिए" . जिसके बाद अमित क्षमा याचना करते हुए अपने सुझाव को हिंदी में दिया.
इस पूरे वाक्या को लेकर जब अमित से सवाल किया तो उन्होंने बताया की इसके बाद मैं वायरल हो गया और जो किसान मुझे नही जानते थे वो भी मुझे जानने लगे. देश के विभिन्न हिस्सों से किसान कॉल कर रहे हैं. आगे बताते हैं की मुख्यमंत्री जी ने मुझे टोक कर एक बहुत अच्छी बात बताई जिसके बाद मुझे भी समझ आया की मेरी पूरी बात किसानों तक नहीं पहुंच रही है.
अमित अभी अपने इस खेती को नया रूप देने में लगे हैं . मछली पालन , बकरी पालन , बतख पालन के साथ साथ समाकेतिक खेती पर लगे हुए हैं और अपने कृषि को पर्यटन के रूप में विकसित करना चाहते हैं . जिसके लिए उन्होंने जी तोड़ मेहनत करना शुरू कर दिया है . इसके लिए तालाब का निर्माण , कई प्रकार के शेड का निर्माण , सहित दर्जनों योजना को विकसित करने में लगे हुए हैं.
अमित के इस मुहिम में उनके साथ साथ उनकी बीसीए कर चुकी पत्नी दीपिका भी भरपूर साथ दे रहीं है . अमित अपने जिम्मे उत्पादन को रखा है तो उनकी पत्नी उत्पादन की प्रोसेसिंग का जिम्मा उठा रखी है . अमित की पत्नी मशरूम से चॉकलेट , बिस्किट, आंचर , पाउडर आदि निर्मित कर रही हैं और ब्रांडिंग कर स्थानीय बाजार के साथ साथ देश के विभिन्न हिस्सों में बेच रही है .