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ठंडे राज्यों में होने वाली स्ट्रॉबेरी की खेती अब राजस्थान के कोटा में भी होने लगी है.
स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले कपिल ने लोकल 18 को बताया कि पहले वे नौकरी करते थे. नौकरी में मन नहीं लगने पर उन्होंने बागवानी शुरू की. इसके साथ ही स्ट्रॉबेरी की खेती करना भी शुरू किया.
कपिल बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती में कम समय में ही अच्छा मुनाफा हो जाता है.बागवानी फसलों की खेती के लिए सरकार से भी सहायता दी जाती है. जिससे किसानों को लाभ होता है.
इसी कड़ी में स्ट्रॉबैरी की खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो सकती है. इस फल के दाम बाजार में अच्छे मिल जाते हैं. यदि सही तरीके से इसकी खेती की जाए तो इससे काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
कपिल बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उन्होंने मध्यप्रदेश के नीमच से स्ट्रॉबेरी के पौधे मंगाए थे. अच्छी पैदावार होने से उन्हें पहले साल स्ट्रॉबेरी में 3 लाख रुपए का मुनाफा भी हुआ. कपिल ने बताया की एक बीघा में लगभग 12000 स्ट्रॉबेरी के पौधे लग जाते हैं.
सितंबर माह से मार्च तक स्ट्रॉबरी की खेती होती है. कपिल स्ट्रॉबेरी को पैकेजिंग कर मार्केट में सेल कर देते हैं स्ट्रॉबेरी आइसक्रीम अन्य चीजों में काम आती है.
कपिल को पिछले साल शुरुआत में स्ट्रॉबेरी की खेती में ज्यादा जानकारी नहीं होने के कारण मुनाफा नहीं हो पाया. लेकिन इस बार अच्छा मुनाफा हुआ है. कपिल ने गांव के लोगों को भी रोजगार दे रखा है.
कपिल ने बताया कि किसान पारंपरिक फसलों की खेती के साथ ही बागवानी फसलों की खेती की ओर भी ध्यान दें तो अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. बागवानी फसलों की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इनका बाजार में दाम अच्छा मिलता है.
एक बार यदि सही तरीके से इसकी खेती पर ध्यान दिया जाए तो कई सालों तक इससे लाभ कमाया जा सकता है. आम, अनार, केला, नाशपाती सहित स्ट्राबैरी की खेती किसानों के लिए काफी लाभकारी साबित हो रही है.