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Organic Jaggery Business: ऑर्गेनिक फार्मिंग की तरह ऑर्गेनिक नैचुरल प्रोडक्ट्स की काफी मांग रहती है. किसान इसका प्रोडक्शन कर अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं.
स्टोरी-मितेश पुरोहित (गुजरात) : गिर सोमनाथ, गुजरात में ऑर्गेनिक फार्मिंग से किसानों की आय दिनों- दिन बढ़ती जा रही है. देसी नैचुरल गुड़ लोगों की खाने की थाली में मिठास तो बढ़ा ही रहा है साथ ही किसानों के जीवन में भी मिठास बढ़ा रहा है. गिर सोमनाथ जिले में कोडीनार, तलाला, गोविंदपरा, प्रांसली, गिरगढ़डा, बोरवाव आदि क्षेत्र गुड़ प्रोडक्शन के लिए जाने जाते हैं.
गिर सोमनाथ के किसान खुद गुड़ का प्रोडक्शन कर अच्छी आमदनी कर रहे हैं. इससे दूसरे राज्यों के मजदूरों के लिए भी रोजगार उपलब्ध हो रहा है. यहां के गुड़ की मिठास अहमदाबाद, मुंबई, राजकोट, सूरत, वडोदरा जैसे शहरों से लेके विदेशो तक पहुंच चुकी है.
आमतौर पर जिले में किसान नवंबर के महीने में ही गुड़ के प्रोडक्शन की तैयारी कर लेते हैं और रावडी का सीजन मार्च तक रहता है. गिर सोमनाथ में उत्पादित गुड़ के कुल उत्पादन में से पहली और दूसरी कैटेगरी के गुड़ का उपयोग भोजन में किया जाता है और कुछ गुड़ का उपयोग पशुओं के चारे और तम्बाकू प्रोडक्ट्स के प्रोसेसिंग में किया जाता है.
चीनी के विकल्प के रूप में गुड़ को सेहत के लिहाज से भी काफी फायदेमंद माना जाता है. रिफाइंड गुड़ के घटकों में मुख्य रूप से सुक्रोज होता है. इसके अलावा यह ग्लूकोज और फ्रुक्टोज और आर्यन जैसे खनिजों से भी भरपूर होता है. इसके अलावा गुड़ एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और खांसी-जुकाम, ब्लड प्रेशर, एनीमिया आदि बीमारियों में बहुत उपयोगी होता है.
प्रांसली के ऐसे ही गुड़ उत्पादक Lakhmanbhai Wala ने बताया कि जिले में हर साल 250 से 300 से ज्यादा रावडी कार्यरत रहती हैं. लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए गुड़ के निर्माण या प्रसंस्करण के दौरान कोई रसायन नहीं मिलाया जाता है. गुड़ बनाने की पूरी प्रक्रिया बहुत ही शुद्ध होती है. एक टन गन्ने से करीब 100 किलो गुड़ बनता है.
एक सीजन में एक रावडी से 9 से 10 हजार गुड़ के डिब्बे का उत्पादन होता है. सरकार की ओर से बिजली भी 24 घंटे उपलब्ध है. इसलिए उत्पादन प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं है. दिनभर में 80 से 90 डिब्बे गुड़ का उत्पादन होता है. इस बार गन्ना सीजन भी अच्छा है इसलिए गुड़ का उत्पादन भी बढ़ने की उम्मीद है.