SUMMARY
अगर आप भी पैसे कमाने का कोई तरीका ढूंढ रहे हैं तो ये खबर पढ़ लें. 64 साल की एक महिला इस तरीके से आसानी से पैसे कमा रही है.
नंदीग्राम-1 प्रखंड के अकोंदाबाड़ी गांव में मनोरमा पानी के घर के अहाते में 64 साल की एक महिला तरह-तरह की रंग-बिरंगी मछलियां पाल रही है. कई लोग शौक के तौर पर भी घर में मछली रखते हैं. हालांकि यह एक शौक के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन उद्यमी मनोरमा पाणि इस शौक को बिजनेस में बदलने में सफल रही हैं.
घर के सामने तालाब में तरह- तरह की रंग- बिरंगी मछलियां पल रही हैं. लेकिन खेती ही नहीं, वह मछलियों की ब्रीडिंग भी करती हैं. कैसे ये बुजुर्ग महिला अपने हाथों से इस मछली की खेती कर रही है, आइए जानते हैं.
इन सभी एक्वेरियम मछलियों की खेती घर के सामने तालाब बनाकर आसानी से की जा सकती है. इससे गृहिणियों की घर के काम के साथ-साथ अतिरिक्त आमदनी भी हो सकती है. इसके अलावा, एक्वेरियम की दुकानों में रंगीन मछलियों की अच्छी मांग है और इन्हें विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. वह रंगीन मछली, जैसे गोल्ड फिश, डिस्कस, ओस्कस, रेड कैप, रेड आई, मिल्की, बार्ब आदि की खेती करती हैं.
ये सभी मछलियां मच्छरों के लार्वा को खाती हैं. साथ ही बाजार में मिलने वाले मछली के कीड़े, सूखे पैर आदि भी दिए जाते हैं. मनोरमा पाणि कहती हैं, 'मैं कुछ ऐसा करना चाहती थी जिससे पैसा भी कमाया जा सके और मन को शांति भी मिले. मैंने पाया कि रंगीन मछली पालन से मुझे खुशी और पैसा दोनों मिलता है.'
उन्होंने कहा कि मुझे ज्यादा परेशानी नहीं है. इसलिए बड़े पैमाने पर शुरुआत करने की कोशिश करें. मुझे इस संबंध में मत्स्य विभाग की मदद मिली है. नंदीग्राम-1 प्रखंड के मत्स्य विस्तार अधिकारी सुमन कुमार साहू ने बताया कि इन मछलियों के शौकीन लोग इन मछलियों को विभिन्न होटलों, रेस्तरां और घरों के सौंदर्यीकरण के लिए रखते हैं.
इन मछलियों की कीमत थोड़ी अधिक होती है. इसके अलावा इस मछली की खेती के लिए अतिरिक्त समय की आवश्यकता नहीं होती है. समय पर भोजन और थोड़ी सी सावधानी से उद्यमी भारी मुनाफा कमा सकते हैं.
इसलिए इस मत्स्य अधिकारी का दावा है कि रंगीन मछली पालन से बेरोजगारी को खत्म करना संभव है. वर्तमान में नंदीग्राम-1 प्रखंड मत्स्य विभाग महिला स्वयं सहायता समूहों की आवश्यकताओं के लिए ई-लर्निंग के माध्यम से इस विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है.