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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में रत्नों का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. व्यक्ति के रत्न पहनने से उसे तन के और मन के कई लाभ मिलने की मान्यता बताई जाती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन में रत्नों का बहुत बड़ा महत्व बताया गया है. व्यक्ति के रत्न पहनने से उसे तन के और मन के कई लाभ मिलने की मान्यता बताई जाती है. इन सभी को देखते हुए बदलते समय के साथ रत्नों की दुकानों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. पहले समय में रत्नों को बेचने वालो की दुकानों की संख्या कहीं-कहीं हुआ करती थी लेकिन आज के समय में रत्नों की दुकानें बढ़ती जा रही हैं.
धार्मिक स्थानों पर रत्नों की दुकाने आसानी से मिल जाती है. रत्न 9 प्रकार के होते हैं जबकि उप रतन 84 प्रकार के बताए गए हैं. मुख्य रत्नों में सूर्य का रत्न, चंद्रमा का रत्न, मंगल का रत्न, बुध का रत्न, गुरु का रत्न, शुक्र का रत्न, शनि का रत्न, राहु का रत्न और केतु का रत्न होते हैं जबकि इन सभी रत्नों के 84 उपरत्न भी होते हैं.
ज्योतिष शास्त्रों के जानकार और तीर्थ पुरोहित लोगों को रत्न पहनने की सलाह देते हैं जिससे उनके जीवन में आई समस्याएं दूर होने का दावा भी किया जाता है लेकिन इन्हीं में सबसे बड़ा सवाल यह होता है कि असली रत्न कौन सा है और नकली रत्न कौन सा होता है? असली रत्न कहां से खरीदे, कैसे असली और नकली रत्न की पहचान होती है? ऐसे कई सवाल लोगो के मन में आते है?
हरिद्वार में रत्नों के पुराने जानकार बिमलेश आहूजा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रत्न मुख्य रूप से 9 प्रकार के होते हैं लेकिन उनके उप रत्नों की बात करें तो वह 84 प्रकार के होते हैं. लोग अपनी राशि के अनुसार रत्न पहनते है. रत्नों को पहनने से लोगों में सकारात्मक ऊर्जा आती है तो नकली रत्न पहनने से उनमें नकारात्मक ऊर्जा का आती है. बिमलेश आहूजा बताते हैं कि असली और नकली रत्नों की पहचान केवल लैब के द्वारा ही की जाती है.
यदि कोई व्यक्ति इस बात का दावा करता है कि वह असली और नकली की पहचान कर सकता है तो यह कहना गलत होगा. बिमलेश आहूजा बताते हैं की हर रत्न में कई क्वालिटी होती हैं. किसी रत्न की क्वालिटी कम होती है तो किसी में फायर कम किया जाता है इसलिए रत्न में क्वालिटी के साथ-साथ कई चीजें भी देखी जाती हैं. जैसे उनमें साफ-सफाई, रत्न में कट करना, रत्न में प्राकृतिक रंग का होना, फायर कम या ज्यादा लगाना जैसे कई बाते परखी जाति है जो उनकी क्वालिटी पर निर्भर करती है.
हमारे देश में कुल 3 सरकारी लैब ऐसी है जहां पर रत्नों की जांच सही प्रकार से की जाती है. जयपुर, दिल्ली और मुंबई में रत्नों को जांच करने की तीन (3) सरकारी लैब है. बिमलेश आहूजा बताते हैं कि किसी भी व्यक्ति को यदि रत्न लेने हो तो वह है विश्वसनीयता और पुरानी दुकान से ही रत्न ले.