SUMMARY
जहां चाह, वहां राह! एक बार फिर यह शब्द बंगाली गृहिणी द्वारा इंगित किया गया था. दुनिया की बाधाओं को पार कर 38 वर्षीय लतिका मंडल अपने बेटे के साथ हायर सेकेंडरी की परीक्षा देने वाली हैं. पढ़िए लतिका की प्रेरणा देने वाली इस कहानी के बारे में.
लतिका मंडल नदिया के शांतिपुर थाने के नरसिंहपुर सरदार पारा की रहने वाली है. उनकी शादी 19 साल पहले हुई थी. शादी से पहले ही गृहिणी की पढ़ाई में गहरी रुचि थी. लेकिन चाह होने पर भी कई बार कई कारणों से रास्ता नहीं बन पाता.
आर्थिक तंगी और दूसरी तरफ मां की शारीरिक बीमारी के कारण उन्होंने छठी कक्षा तक पढ़ाई की, लेकिन उसके बाद वह आगे नहीं पढ़ सकीं. उसके बाद लतिका मंडल की शादी कर दी गई.
लतिका के दो बच्चे हैं. एक बेटा और एक बेटी. उनकी बड़ी बेटी रानी मंडल शांतिपुर कॉलेज के बंगाली विभाग की तृतीय वर्ष की छात्रा है.
लतिका का बेटा सौरव मंडल वर्तमान में पूर्वी बर्दवान जिले के कालना अम्बिका हाई स्कूल का छात्र है. अब आओ और हायर सेकेंडरी परीक्षा में बैठे.
लतिका मंडल, एक गृहिणी, ने अपनी बेटी को घर पर पढ़ना सिखाया जब उसकी पहली बेटी तीसरी कक्षा में थी.