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बिहार के बेगूसराय के रहने वाले 23 वर्षीय युवक आविद की कहानी बेहद रोमांचक है. लॉकडाउन के दौरान बीए की पढाई पूरी करने पटना गए.
परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं रहने के कारण आविद को पढ़ाई छोड़नी पड़ी. वहीं पढ़ाई छोड़ने के बाद आविद ने कपड़ा निर्माण कंपनी में किया और बारीकी को सीखा. गांव-गांव में घूमकर कपडा भी बेचा. इस दौरान किसी से आविद को रोजगार के लिए प्रधानमंत्री स्टार्टअप इंडिया योजना के बारे में जानकारी मिली.
उसके बाद प्रधानमंत्री स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत लोन लेकर नई पारी की शुरुआत कर लाखों कमा रहे हैं. बेगूसराय जिला के वीरपुर प्रखंड के रहने वाले आविद ने न्यूज 18 लोकल से अपने संघर्ष की कहानी बयां करते हुए बताया कि वो इंटर के बाद आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए पटना गया.
लेकिन आर्थिक तंगी के चलते आगे पढ़ नहीं पाया. आविद ने बताया कपड़ा निर्माण उद्योग से आस-पास के 22 युवा भी जुड़े हुए हैं. अपनी फैक्ट्री में तैयार कपड़े को बेगूसराय, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी सहित कई अन्य जिलों में भेजा जाता है.
यहां पर तकरीबन 200 शर्ट का निर्माण 22 युवाओं के सहयोग से किया जा रहा है. रोजाना कमाई की बात करें तो सब खर्च काटकर 5 से 6 हजार के आस-पास रोजाना कमाई हो जा रही है.
पिछले 6 महीने से काम कर रहे हैं कारीगर ने बताया कि यहां लगातार काम मिल जाता है. रोजाना 800 से 900 की कमाई हो जाती है.