SUMMARY
Ram Naam Bank : प्रयागराज की संगम नगरी में एक अनोखा बैंक चर्चा का विषय बना है. खास बात यह है कि इस बैंक में कभी ताला नहीं लगाया जाता है ना ही यहां पर कभी चोरी होती है और आप जब चाहे अपनी पूजी जमा करें और जब चाहे इसे निकाल ले. इस बैंक की शाखाएं आपको देश-विदेश के कोने कोने में मिल जाएंगे.
प्रयागराज. वैसे तो आपने बैंक बहुत ही देखे होंगे. लेकिन प्रयागराज की संगम नगरी में एक अनोखा बैंक चर्चा का विषय बना है. खास बात यह है कि इस बैंक में कभी ताला नहीं लगाया जाता है ना ही यहां पर कभी चोरी होती है और आप जब चाहे अपनी पूजी जमा करें और जब चाहे इसे निकाल ले. इस बैंक की शाखाएं आपको देश-विदेश के कोने कोने में मिल जाएंगे.
प्रयागराज. वैसे तो आपने बैंक बहुत ही देखे होंगे. लेकिन प्रयागराज की संगम नगरी में एक अनोखा बैंक चर्चा का विषय बना है. खास बात यह है कि इस बैंक में कभी ताला नहीं लगाया जाता है ना ही यहां पर कभी चोरी होती है और आप जब चाहे अपनी पूजी जमा करें और जब चाहे इसे निकाल ले. इस बैंक की शाखाएं आपको देश-विदेश के कोने कोने में मिल जाएंगे.
पासबुक के हर पेज पर केवल 108 बार राम का नाम लिखा जाता है. कितने पर लिखेंगे यह भक्तों के ऊपर निर्भर करता है. कलयुग में सबसे सरल उपाय है लाल रंग से लाल पेन से राम का नाम लिखना एक मंत्र है. इससे व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है. राहु केतु और संजय से ग्रह आपके अनुकूल हो जाते हैं.
प्रयागराज के संगम नोज पर हर साल माघ मेले में इस बैंक का शिविर लगाया जाता है. राम नाम बैंक सेवा संस्थान इसे संचालित करती है. संस्थान के वर्तमान अध्यक्ष आशुतोष वार्ष्णेय ने लोकल 18 को बताया कि राम बैंक तो सदियों पुराना कांसेप्ट है. पहले हमारे पूर्वज भोज पत्र पर राम का नाम लिखते थे. बाद में बहियों में राम का नाम लिखा जाता था. करीब दो दशक पहले हमने इसका आधुनिक स्वरूप लांच किया.
संतोष कहते हैं कि् हर पेज पर 108 बार राम नाम लिखना होता है. इतने ही खाने बने होते हैं. माला भी 108 स्थानों की होती है. इन को जोड़ेंगे तो पूर्णांक नहीं आएगा. ऐसा माना जाता है कि जब कुरान के हिसाब से जब आप राम नाम लिखते हैं तो सुख शांति मिलती है. ग्रह हमारे अनुकूल होते हैं. अगर आप बोलेंगे तो आपका मुंह खुला खुल जाएगा. मां बोलेंगे तो मुंह बंद हो जाएगा ऐसी मान्यता है कि राम नाम बोलने से हमारे पाप सही से दूर होते हैं.
पैन के तरह राम नंबर-जब भी किसी भक्तों का खाता खुलता है तो उसे पैन नंबर की तरह ही राम नंबर दिया जाता है. इसी राम नंबर से उस वक्त की पहचान होती है. उसी से लेने होता है. माघ मेले में पूरे 1 माह का उपवास करने वाले कल पास यहां आकर सवा लाख राम नाम कर्ज लेकर उसे व्याज सहित महीने में लिखकर लौटा देते हैं. मनोकामना पूरी होने पर बस तेरा नाम का एक माला हवन भी करता है.