SUMMARY
पॉलिसीधारकों के पास पॉलिसी की शुरुआत की तारीख से 30 दिनों की फ्री-लुक अवधि होगी. फ्री-लुक को रद्द करने पर पॉलिसीधारक उचित अनुपात के आधार पर प्रीमियम की वापसी का हकदार होगा.
इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डिवेलपमेंट अथोरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने लॉन्ग टर्म मोटर बीमा प्रॉडक्ट लाने का प्रस्ताव दिया है. इनमें थर्ड पार्टी बीमा के साथ ही खुद के नुकसान का कवर भी शामिल होगा. इंश्योरेंस रेग्युलेटर ने सात दिसंबर को जारी अपने एक्सपोजर ड्राफ्ट में कहा है कि इंश्योरेंस कंपनियां प्राइवेट कारों के लिए तीन साल और टू वीलर के लिए पांच साल का इंश्योरेंस कर सकेंगी. रेग्युलेटर ने इस प्रकार एक प्रस्ताव दो साल पहले भी पेश किया था. लेकिन एक अगस्त, 2020 को यह कहते हुए इस प्रस्ताव को वापस ले लिया था कि इसमें एकरूपता की कमी है.
(1) सस्ता हो जाएगा इंश्योरेंस कराना- बीमा रेग्युलेटर बीमा कंपनियों को लंबी अवधि के मोटर बीमा प्रोडक्ट की कीमत कैसे तय करनी चाहिए. आईआरडीएआई ने ड्राफ्ट में अनुभव, लोअर एंट्री सेलेक्शन यानी दोनों पक्षों के बीच जानकारी को लेकर बेहतर तालमेल, लंबी अविध की छूट जैसे कई सारे जरूरी साफ किया है कि पहलुओं पर विचार किया गया है.
लंबी अवधि के मोटर इंश्योरेंस को कर सकते हैं रद्द-ग्राहकों में भ्रम तथा असंतोष है. नए ड्राफ्ट लागत को तय करने के लिए क्लेम के या प्रीमियम की वापसी के लिए मानक कहा है, 'लंबी अवधि की पॉलिसियों की लंबी अवधि की पॉलिसियों में रद्दीकरण मसौदे के मुताबिक, सभी शर्तें होंगी.
पॉलिसीधारकों के पास पॉलिसी की शुरुआत की तारीख से 30 दिनों की फ्री-लुक अवधि होगी. फ्री-लुक को रद्द करने पर पॉलिसीधारक उचित अनुपात के आधार पर प्रीमियम की वापसी का हकदार होगा.
नो-क्लेम बोनस पर क्या ? एक साल की ओन डैमेज पॉलिसियों के लिए दी गई मौजूदा नो-क्लेम बोनस फॉर्म्युला लंबी अवधि की पॉलिसियों के लिए भी लागू होगा. IRDAI ने कहा, लंबी अवधि की पॉलिसियों के मामले में पॉलिसी अवधि के अंत में लागू नो-क्लेम बोनस उतना ही होगा जितना कि अगर ऐसी पॉलिसियों का हर साल नवीनीकरण किया जाता. नो-क्लेम बोनस (NCB) बीमा कंपनियों की तरफ से दी जाने वाली प्रीमियम में छूट है जिसकी शर्त है कि गाड़ी मालिक ने मोटर बीमा पॉलिसी की अवधि के दौरान एक भी दावा नहीं किया हो.