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Adani Group: अदाणी ग्रुप निवेशकों का भरोसा जीतने की कोशिश में लगा है. पिछले 24 घंटों पर अदाणी ग्रुप पर कई खबरें आई, जिसका असर शेयरों पर पड़ सकता है.
Adani Group: NSE ने Adani Enterprises को राहत देते हुए इसके स्टॉक को अतिरिक्त निगरानी की लिस्ट से हटाने का फैसला लिया है. इससे स्टॉक के कारोबार पर इसकी वजह से लगाई गई लिमिट हट जाएंगी. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने अदाणी एंटरप्राइजेज को शॉर्ट टर्म एडिशनल सर्विलांस मीजर्स यानी ASM फ्रेमवर्क से हटाया है.
अदाणी ग्रुप ने शेयरों के बदले लिए गए लोन का बोझ कम करने के लिए 7000 करोड़ रुपए से ज्यादा के लोन का भुगतान कर दिया है. इस कदम से ग्रुप की कई कंपनियों के शेयर रिलीज हो जाएंगे और कंपनी के कर्ज बोझ में कुछ कमी आएगी. ग्रुप ने कहा है कि उसने 90 करोड़ डॉलर यानी करीब 7400 करोड़ रुपए के बराबर के शेयरों पर लिए कर्ज का भुगतान किया है.
अमेरिकी एसेट मैनेजर GQG पार्टनर्स के चेयरमैन राजीव जैन ने हिंडेनबर्ग रिपोर्ट (Hindenburg Report) में अदाणी ग्रुप पर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज किया है. उन्होंने इसे ग्रुप की छवि को खराब करने की कोशिश करार दिया है.
सीएनबीसी से खास बातचीत में राजीव जैन ने यह बड़ा बयान दिया है. मालूम हो कि जीक्यूजी पार्टनर्स ने हाल ही में अदाणी ग्रुप के शेयरों में 15 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा की खरीद की है. सीएनबीसी से बात में राजीव जैन ने अपने इसी फैसले पर बात की.
अदाणी गुप के खिलाफ जनवरी के अंत में शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा जारी विवादास्पद रिपोर्ट ने शेयरों को बड़े पैमाने नुकसान पहुंचाया था और निवेशकों को एक महीने में बड़ा नुकसान हुआ था. अदाणी ग्रुप के शेयरों के मार्केट वैल्यू को कम से कम 50 फीसदी तक का नुकसान पहुंचा था.