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HPCL Stock Price: Hindustan Petroleum बोर्ड से NCDs के जरिए फंड जुटाने को मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने 10,000 करोड़ तक जुटाने को मंजूरी दे दी है. आइए विस्तार से जानते है.
कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के बाद HPCL के शेयर में तेजी का रुझान बना हुआ है. एक हफ्ते में शेयर 5 फीसदी, एक महीने में 17 फीसदी चढ़ा है. Hindustan Petroleum बोर्ड से NCDs के जरिए फंड जुटाने को मंजूरी दे दी है. बोर्ड ने 10,000 करोड़ तक जुटाने को मंजूरी दे दी है. आइए विस्तार से जानते है.
अब आपको सबसे पहले एनसीडी के बारे में बताते हैं. NCD यानी Non Convertible Debentures होता हैं. इन्हें आमतौर पर कंपनियां ही जारी करती हैं. बड़े कॉर्पोरेट हाउसेस सीधे लोगों से लोन लेते हैं. इसके बदले कंपनी आपको एक टोकन देती है जिसमें आपके पैसे पर मिलने वाली ब्याज दर लिखी रहती है. जब आप एनसीडी में पैसा लगाते हैं तो आप किसी कंपनी या बड़े ऑर्गेनाइजेशन को डायरेक्टली पैसा उधार देते हैं. इसमें कंपनियां अक्सर एफडी में मिलने वाली ब्याज दर से ज्यादा इंटरेस्ट देती हैं.
एक निवेशक के लिए जरूरी बातें-(1) NCD दो तरह के होते हैं- सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड. सिक्योर्ड एनसीडी में जब कंपनी आपसे पैसा लेती है तो उसके बदले में कोई असेट गिरवी रखती है. (2) अगर कंपनी ने 500 करोड़ के एनसीडी जारी किए हैं तो उसके बदले में वह असेट अलॉट करेगी, कि अगर किसी वजह से वह लोगों का पैसा नहीं चुका पाती है तो उसके असेट को बेचकर लोगों के पैसे की भरपाई होती है.
(3) अनसिक्योर्ड एनसीडी में कंपनी लोगों के पैसों के बदले कोई असेट अलॉट नहीं करती है. इसमें अगर कंपनी आपका पैसा नहीं लौटा पाती है, तो किसी और तरीके से आपके पैसे की भरपाई नहीं हो पाती है. इसलिए निवेश से पहले हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप सिक्यार्ड एनसीडी में ही पैसा लगा रहे हैं. NCD में निवेश के लिए कंपनी की रेटिंग्स भी चेक करना जरूरी है. यह सबसे जरूरी प्वाइंट है. हमेशा अपना पैसा AAA रेटिंग वाली कंपनी में ही लगाएं. इन कंपनियों में डिफॉल्ट होने के चांस बेहद कम रहते हैं.
(4) NCD में बेशक आपको बेहतर इंटरेस्ट मिलता है, लेकिन इसमें रिस्क भी रहता है. इसलिए एफडी के मुकाबले सिर्फ एक या डेढ फीसदी ज्यादा ब्याज मिले तो आपके लिए एनसीडी अच्छा विकल्प नहीं होगा. क्योंकि टैक्स निकालने के बाद आपका प्रॉफिट बेहद कम रह जाएगा.
(5) एनसीडी इस मामले में भी काफी बेहतर होता है कि आप इसे स्टॉक मार्केट में बेच भी सकते हैं. जबकि आप एफडी के मैच्योर होने से पहले अगर उसे बेचने जाते हैं तो कई तरीके के टैक्स आपको देने पड़ते हैं. एनसीडी के मामले में ऐसा नहीं है, इसलिए यह एक बेहतर विकल्प हो सकता है.