SUMMARY
IEX share buyback-शेयर बायबैक उस स्थिति को कहते हैं जब कंपनी अपनी रकम से अपने ही शेयर वापस ख़रीदती है. बायबैक मतलब कंपनी मानती है कि बाज़ार में शेयर के भाव कम मिल रहे हैं. शेयर बायबैक से कंपनी का इक्विटी कैपिटल कम हो जाता है.
आईईएक्स का शेयर आपने खरीदा है या खरीदने की तैयारी कर रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कंपनी ने शेयर बायबैक करने का ऐलान किया है. 25 नवंबर को हुई बोर्ड बैठक में मंजूरी मिल गई.कंपनी बायबैक पर 98 करोड़ रुपये खर्च करेगी. ओपन मार्केट के जरिए शेयर बायबैक को मंजूरी मिली है. बोर्ड ने 200 रुपये पर बायबैक को मंजूरी दी है.
बायबैक मतलब कंपनी मानती है कि बाज़ार में शेयर के भाव कम मिल रहे हैं. शेयर बायबैक से कंपनी का इक्विटी कैपिटल कम हो जाता है. बाज़ार से वापस ख़रीदे गए शेयर ख़ारिज हो जाते हैं. बायबैक किए गए शेयरों को दोबारा जारी नहीं किया जा सकता. इक्विटी कैपिटल कम होने से कंपनी की शेयर आमदनी यानी EPS बढ़ जाती है. बायबैक से शेयर को बेहतर P/E मिलता है.
एक निवेशक को शेयर बायबैक की अधिकतम कीमत पर ध्यान रखना चाहिए यानी शेयर के मौजूदा भाव से कितनी ऊपर है या नीचे है. अगर ऊपर के भाव पर है तो शेयर में तेजी आ सकती है. ऐसे में निवेशक के पास अच्छे रिटर्न का मौका रहेगा. वहीं, बायबैक पर कंपनी कितना ख़र्च कर रही है ये भी एक निवेशक को जानना चाहिए. बायबैक कितने समय में पूरा होगा. बायबैक के समय कंपनी पर कितना रिज़र्व और सरप्लस है.
देश का प्रमुख पावर ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है. फिलहाल एनर्जी में कुल कारोबार का सिर्फ 3 फीसदी ही एक्सचेंज के जरिए आता है. विकसित देशों में यह आंकड़ा 30 से 35 फीसदी है. इसलिए भविष्य में आईईएक्स जैसी कंपनी के लिए देश में काफी अच्छी संभावनाएं हैं.
देश के गांव-गांव तक बिजली पहुंचाने पर सरकार के जोर और उदय जैसी योजनाओं से पावर एक्सचेंज पर कारोबार बढ़ेगा. इससे कुल बिजली खरीद में एक्सचेंज की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2022 तक बढ़कर 21.1 फीसदी तक पहुंच सकती है.