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NSE to starts new futures contracts : शेयर बाजार बंद होने के बाद देश की बड़ी स्टॉक एक्सचेंज NSE ने कॉन्ट्रैक्ट शुरू करने का ऐलान किया है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं.
आम बोलचाल की भाषा में फ्यूचर्स को वायदा सौदा भी कहा जाता है. यानी वह सौदा, जिसमें शेष भुगतान और डिलीवरी किसी निश्चित तारीख को होती है. कुछ चुनिंदा शेयरों में ही वायदा कारोबार होता है. हर महीने के अंतिम गुरुवार को NSE पर वायदा सौदों का सेटलमेंट होता है. फ्यूचर्स में किसी शेयर की निश्चित संख्या लॉट साइज़ कहलाता है. शेयरों के लिए लॉट साइज़ भी अलग-अलग होता है. वायदा बाज़ार में ख़रीद-फरोख्त के लिए मार्जिन मनी देनी होती है. अब आपको नए कॉन्ट्रैक्ट के बारे में बताते हैं.
SEBI से NSE को WTI क्रूड ऑयल और गैस फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के लॉन्च को मंजूरी मिल गई है. अभी MCX पर क्रूड ऑयल और गैस फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट की ट्रेडिंग की जा सकती है.
अभी बाज़ार में 1, 2 या 3 महीने के वायदा सौदे होते हैं. सौदा कॉन्ट्रैक्ट अवधि खत्म होने से पहले कभी भी सेटल कर सकते हैं.
वायदा कारोबार दोधारी तलवार है. भारी मुनाफ़े के साथ बड़े नुक़सान की भी आशंका रहती है. वायदा कारोबार से छोटे निवेशकों को दूर रहना चाहिए .छोटे निवेशक ऑप्शन्स में निवेश कर सकते हैं.