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Social Stock Exchange Latest News Hindi : CNBC TV18 को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) को सोशल स्टॉक एक्सचेंज की फाइनल मंजूरी मिल गई है.
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) को इससे पहले मार्केट रेगुलेटर SEBI से सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) शुरू करने की अंतिम मंजूरी मिल गई है. आपको बता दें कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज को आसान भाषा में समझें, तो यह एक तरह से सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठनों को बाजार से फंड जुटाने में मदद करेगा. इसका मतलब कि, अब प्राइवेट कंपनियों की तरह सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्य संस्थान) भी खुद को शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे.
पहली बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के अपने बजट भाषण में SSE का जिक्र किया था. भारत में SSE एक नया कंसेप्ट है. इसके लिए फ्रेमवर्क इस साल जुलाई में जारी किया गया, जो कि SEBI द्वारा गठित एक वर्किंग ग्रुप और टेक्निकल ग्रुप की सिफारिशों के आधार पर था. इसका उद्देश्य निजी और नॉन- प्रॉफिट सेक्टर्स को अधिक धन जुटाने का अवसर देना है.
SEBI ने सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) के लिए फ्रेमवर्क 19 सितंबर 2022 को पेश किया था. इंग्लैंड, कनाडा और ब्राजील जैसे देशों में पहले से ही SSE काम कर रहे हैं. जिस तरह मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के लिए स्टॉक एक्सचेंज होते हैं उसी नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशंस (एनपीओ) के लिए SSE होते हैं. नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन जैसे की NGOs इसमें शामिल हैं.
वित्त मंत्री ने बताया था कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज से देश के सभी नागरिकों को फायदा मिलेगा. एक इलेक्ट्रॉनिक फंड रेजिंग प्लेटफॉर्म बनाने की योजना है, जिससे समाज की भलाई के लिए काम करने वाले संगठनों को लिस्टेड करने और फंड जुटाने में मदद की जाएगी. इसका मतलब ये हुआ कि अब NGO के शेयरों को आम आदमी/ निवेशक में खरीद-बिक्रकी कर सकेगा. ये एक तरह से शेयर बाजार की तरह ही काम करेगा.