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SEBI new rules-कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने नए नियम जारी किए है. नए नियमों के तहत रेग्युलेटर से शेयर ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्राप्त किए बिना कोई भी व्यक्ति 'ऑनलाइन बॉन्ड' प्लैटफॉर्म प्रोवाइडर के रूप में काम नहीं करेगा. आइए नए नियमों के बारे में जानते है.
कैपिटल मार्केट रेग्युलेटर सेबी ने लिस्टेड डेट सिक्योरिटीज बेच रहे ऑनलाइन बॉन्ड प्लैटफॉर्म प्रोवाइडर्स के लिए रेग्युलेटरी फ्रेमवर्क लॉन्च किया है. बॉन्ड मार्केट पूरी तरह कंट्रोल नहीं है. अभी यहां एंट्री को लेकर कोई रोक-टोक नहीं है. इससे निवेशकों के बीच संबंधित व्यक्ति को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा होती है. नियमों से निवेशकों की भागीदारी बढ़ने की उम्मीद है.
आपको बता दें कि एक नियम और सेबी ने बदला है. उदाहरण के तौर पर देखें तो या तो ट्रेडर्स को फंड सेटलमेंट हर महीने के पहले शुक्रवार को करना होगा, या हर तिमाही (इस हिसाब से जनवरी 2023, अप्रैल 2023, जुलाई 2023, अक्टूबर, 2023) के पहले शुक्रवार को करना होगा. इसके अलावा अगर वो शुक्रवार को ट्रेडिंग नहीं हो रही है, यानी छुट्टी है तो यह सेटलमेंट उसके पहले पड़ रहे गुरुवार को ही कर लेना होगा.सेबी ने रनिंग अकाउंट्स के लिए इस साल जुलाई में यह नई गाइडलाइंस जारी की थीं. इसके लिए रेगुलेटर ने स्टॉक एक्सचेंज, इंडस्ट्री के प्रतिनिधियों और सेकेंडरी मार्केट एडवाइजरी कमिटी के साथ सलाह-मशविरा किया था. नए नियम अक्टूबर में लागू हो गए है.
इस नियम को लेकर सेबी ने अपना एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें कहा गया था कि सेबी यह नया नियम "क्लाइंट्स के फंड के गलत इस्तेमाल के जोखिम को कम करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार करने की दिशा में लाया जा रहा है. इस सर्कुलर में एजेंसी ने कहा कि क्लाइंट के मैंडेट के हिसाब से ट्रेडर को फंड या सिक्योरिटी का एक्चुअल सेटलमेंट करना होगा और इसके तहत एक रनिंग अकाउंट के हर सेटलमेंट के बीच कम से कम 30 दिन और अधिकतम 90 दिनों का गैप होना चाहिए. इस नियम के साथ सेबी का लक्ष्य सिक्योरिटी निवेश में निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना और सिक्योरिटी मार्केट के रेगुलेशन और डेवलपमेंट को प्रोटेक्ट करना भी है.
अब बात करते हैं बॉन्ड मार्केट के नए नियमों की..नए नियमों के तहत रेग्युलेटर से शेयर ब्रोकर का रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र प्राप्त किए बिना कोई भी व्यक्ति 'ऑनलाइन बॉन्ड ' प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर के तौर पर काम नहीं करेगा. ऐसे व्यक्ति को रजिस्ट्रेशन की शर्तों के साथ समय-समय पर रेग्युलेटर की तरफ से निर्धारित अन्य जरूरतों का पालन करना होगा.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस कदम से निवेशकों, विशेष रूप से नॉन-इंस्टिट्यूशनल निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ेगा, क्योंकि प्लेटफॉर्म पर सुविधा सेबी-रेग्युलेटेड इंटरमीडियरीज प्रदान करेगा.
एक्सपर्ट्स ने सेबी के कदम को बॉन्ड मार्केट के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया है. यह रिटेल निवेशकों के बीच भरोसा बढ़ाने और बॉन्ड बाजार में को रफ्तार देने में मदद करेगा.