SUMMARY
पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के मद्देनजर सरकार ने इंटरनेट बंद कर दिया है. लेकिन सवाल है कि ऐसा क्या होता है कि सरकार इंटरनेट को बंद करने का फैसला लेती है. इंटरनेट बंद करने के लिए क्या नियम बनाए गए हैं?
भारत की सरकार और राज्य सरकार भी गंभीर परिस्थिति में इंटरनेट शटडाउन यानि उसे बंद करने का अधिकार रखती हैं. इसके लिए कुछ प्रावधान भी हैं.
दूरसंचार सेवाओं नियमों के अस्थाई निलंबन को शामिल करने के लिए अधिनियम की धारा 7 में संशोधन किया गया है.
नियमानुसार के मुताबिक केंद्र सरकार या राज्य का गृह सचिव ऐसे आदेश जारी कर सकता है. इसकी 5 दिनों के भीतर एक समिति द्वारा समीक्षा की जाती है. ऐसा आदेश 15 दिनों से ज्यादा नहीं चलता है.
किसी भी गंभीर परिस्थिति में इंटरनेट शटडाउन का आदेश संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के रैंक के एक अधिकारी द्वारा जारी किया जा सकता है.
भारत विश्व स्तर पर इंटरनेट शटडाउन की लिस्ट में सबसे ऊपर है. सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर के ट्रैकर के अनुसार, भारत में 2012 से अब तक 381 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ है, जिनमें से 106 शटडाउन 2019 में थे.