शेयरों में तेज गिरावट के बाद अदानी एंटरप्राइजेस ने अपना एफपीओ वापस लेने का फैसला लिया है.इश्यू के कैंसिल होने के बाद निवेशकों को उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे. हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद अदानी ग्रुप के शेयरों में तेज गिरावट देखने को मिली थी. हालांकि इसके बावजूद कंपनी का 20 हजार करोड़ रुपये का एफपीओ सफल रहा था. लेकिन अब कंपनी के बोर्ड ने ऐलान किया है कि वो सब्सक्राइबर के हितों को देखते हुए इश्यू को वापस ले रहे हैं.
क्यों वापस हुआ FPO-
कंपनी ने जानकारी दी है कि पहली फरवरी को हुई बोर्ड की बैठक में फैसला लिया गया कि सब्सक्राइबर के हितों को देखते हुए एफपीओ पर आगे नहीं बढ़ा जाएगा. एफपीओ के जरिए कंपनी की 20 हजार करोड़ रुपये जुटाने की योजना थी और ये इश्यू सफल रहा था. फैसले पर अदानी एंटरप्राइजेस के चेयरमैन गौतम अडानी ने कहा कि आज कंपनी के शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव दर्ज हुई है और ऐसी स्थिति में बोर्ड को लगता है कि इश्यू को लेकर आगे बढ़ना सही नहीं होगा. निवेशकों के हितों और उन्हें किसी भी संभावित हानि से बचाने के लिए बोर्ड ने इश्यू प्रक्रिया को आगे न ले जाने का फैसला लिया है.
कितना हुआ नुकसान-
पिछले कुछ दिनों से अदानी ग्रुप के स्टॉक्स में जारी तेज गिरावट आज और तेज हो गई. आज क्रेडिट सुइस के द्वारा ग्रुप के बॉन्ड्स मार्जिन लोन पर रोक लगाने के बाद अदानी एंटरप्राइजेस के स्टॉक में 35 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हई और स्टॉक 2128 के स्तर पर बंद हुआ. जबकि एफपीओ के लिए फ्लोर प्राइस ही 3112 रुपये प्रति शेयर था. ऐसे में निवेशकों को हो रहे तगड़े नुकसान को देखते हुए बोर्ड ने एफपीओ को कैसिल करने का फैसला लिया है.
एक महीने पहले अदानी एंटरप्राइजेस का स्टॉक 3840 के स्तर पर था फिलहाल स्टॉक गिरकर 2150 के स्तर से नीचे पहुंच गया है. यानि इसमें 44 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल ही है. वहीं फिलहाल स्टॉक एफपीओ के फ्लोर प्राइस से करीब 32 प्रतिशत नीचे है.