होमशेयर बाजारसिलिकॉन वैली बैंक क्रैश से लेकर क्रेडिट सुइस तक, जानें बीते हफ्ते में क्या क्या हुआ?

सिलिकॉन वैली बैंक क्रैश से लेकर क्रेडिट सुइस तक, जानें बीते हफ्ते में क्या क्या हुआ?

सिलिकॉन वैली बैंक क्रैश से लेकर क्रेडिट सुइस तक, जानें बीते हफ्ते में क्या क्या हुआ?
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By HINDICNBCTV18.COMMar 18, 2023 2:17:09 PM IST (Published)

दुनियाभर में फिलहाल आर्थिक मंदी आने की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसके चलते एक्सपर्ट्स इस स्थिति को 2008 के लेहमन ब्रदर्स क्रैश से जोड़कर देखने लगे हैं. दरअसल, लेहमन ब्रदर्स एक ग्लोबल फाइनेंस फर्म थी, जो निवेश बैंकिंग, ट्रेडिंग, ब्रोकरेज और अन्य सर्विसेज प्रदान करती थी.

ग्लोबल मार्केट्स के लिए पिछले कुछ हफ्ते काफी उथल-पुथल भरे रहे हैं. हाल ही में बंद हुए अमेरिका के 16वें सबसे बड़े बैंक सिलिकॉन वैली और सिल्वरगेट बैंक ने दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया है. इसके बाद बची हुई कसर स्विट्जरलैंड के क्रेडिट सुइस ने पूरी कर दी.

दुनियाभर में फिलहाल आर्थिक मंदी आने की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसके चलते एक्सपर्ट्स इस स्थिति को 2008 के लेहमन ब्रदर्स क्रैश से जोड़कर देखने लगे हैं. दरअसल, लेहमन ब्रदर्स एक ग्लोबल फाइनेंस फर्म थी, जो निवेश बैंकिंग, ट्रेडिंग, ब्रोकरेज और अन्य सर्विसेज प्रदान करती थी. यह अमेरिका में चौथा सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट बैंक था. इसके पतन को 2008 के वित्तीय संकट को बढ़ावा देने के रूप में जाना जाता है.
क्या हैं मौजूदा हालात
अमेरिका में तेजी के साथ एक के बाद एक तीन बैंक बंद हुए. इसकी शुरुआत सिल्वरगेट बैंक से हुई. हालांकि, इस क्रैश से ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ने वाला था लेकिन इसके बाद बंद हुए सिलिकॉन वैली बैंक ने न सिर्फ अमेरिका बल्कि दुनिया की तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं जैसे चीन, जापान और भारत का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया. क्योंकि इसे स्टार्टअप्स को सपोर्ट करने वाला बैंक माना जाता था.
इसके क्रैश होने से न सिर्फ चिंताएं बढ़ी बल्कि वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल मच गई. हालांकि, फिलहाल इसका कंट्रोल अमेरिकी सरकार की कॉर्पोरेशन FIDC (Federal Deposit Insurance Corporation) ने ले लिया है, जो सोमवार को बैंक के अकॉउंटहोल्डर्स अपने-अपने अकाउंट तक पहुंच प्रदान करा देगी. लेकिन इस बीच अचानक से यह संकट अमेरिका से सीधे यूरोप ट्रांसफर हो गया. क्रेडिट सुइस ने भी फिलहाल चिंताएं बढ़ा दी है, जिससे यूरोपीय इक्विटी में बड़ी बिकवाली हुई.
कहीं से भी, कार्रवाई अचानक अमेरिका से यूरोप में स्थानांतरित हो गई, क्योंकि क्रेडिट सुइस सभी घबराहट का केंद्र बन गया, जिससे यूरोपीय इक्विटी में बड़ी बिकवाली (Sell-off ) हुई. इस संकट का एक बड़ा परिणाम जो उभरा, अनिश्चितता के साथ मिलकर, फेडरल रिजर्व की 21-22 मार्च की बैठक में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावनाएं पूरी तरह से गायब हो गईं. चार दिन पहले 50 आधार अंकों से, नए सप्ताह की शुरुआत शून्य दर वृद्धि की उम्मीद के साथ हुई. गुरुवार को क्रेडिट सुइस ने स्विस नेशनल बैंक से 50 बिलियन डॉलर लिए और यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने बाद में उसी शाम ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की.
बाजारों को कैसे प्रभावित किया?
सभी संकटों के बावजूद, S&P 500 8 मार्च के समापन स्तरों की तुलना में गुरुवार शाम तक केवल एक प्रतिशत से नीचे था. दूसरी ओर नैस्डैक भी पॉजिटिव था. हालांकि, भारतीय सूचकांक निफ्टी 50 इस संकट से कोसों दूर है बावजूद इसके इसमें 4.2 प्रतिशत की गिरावट आई.
इस मौजूदा रिस्क-ऑफ एपिसोड में निफ्टी 50 और सेंसेक्स सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले उभरते बाजार हैं. एकमात्र एशियाई बाजार जिसने निफ्टी 50 की तुलना में खराब प्रदर्शन किया है, वह जापान है. शायद इसकी कुछ वजह एफआईआई की बिकवाली है.
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