अदानी इंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) का FPO वापस लेने के बाद ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी ने अपने निवेशकों को एक संदेश जारी किया है. गौतम अदानी का कहना है कि वह इंटरनल कैशफ्लो से ग्रोथ मैनेज करेंगे और FPO वापसी का भविष्य की योजना पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अदानी ने कहा कि निवेशकों को नुकसान से बचाने के लिए FPO वापस लिया जा रहा है क्योंकि हमारे लिए निवेशकों का हित सर्वोपरि है.
अपने संदेश में अदानी ने कहा कि इस फैसले ने कई लोगों को आश्चर्य में डाला होगा लेकिन बाजार के उतार चढ़ाव को देखिए हुए हमारे बॉन्ड बुरी तरह गिरे, इसलिए हमने एफपीओ के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला लिया. अदानी ने कहा कि मेरी चार दशक की यात्रा में निवेशकों ने मुझपर पूरा भरोसा किया. मैं जिन्दगी में जो कुछ भी हासिल किया वह उनके ही कारण रहा.
#AwaazMarkets | अदानी एंटरप्राइजेज का FPO वापस लेने के बाद अदानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदानी ने बयान जारी किया है। उन्होंने इस फैसले को निवेशकों के हित में बताया है@gautam_adani @AdaniOnline #AdaniEnterprises #AdaniGroup #FPO pic.twitter.com/4X29kIjFWH
— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) February 2, 2023
निवेशकों को नुकसान को देखते हुए FPO वापस लेने का फैसला
गौतम अदानी ने कहा मेरे लिए मानक यह है कि निवेशक सबसे पहले हैं जबकि बाकी सबकुछ इसके बाद है. उन्होंने कहा कि निवेशकों के नुकसान को देखते हुए हमने FPO को वापस लिया. अदानी ने कहा कि कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं और हमारा बैलेंस हेल्दी है. उन्होंने कहा कि कंपनी का EBITDA फ्लो और कैश मजबूत हैं.
FPO के जरिए कंपनी ने जुटाया था 20,000 करोड़ रुपये
गौरतलब है कि 1 फरवरी (बुधवार) को कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में जानकारी दी कि आज बोर्ड बैठक सब्सक्राइबर के हितों के ध्यान में रखते हुए FPO प्रोसेर को आगे बढ़ाने का फैसला लिया गया है. बता दें कि इस FPO के जरिए Adani Enterprises 20,000 करोड़ रुपये जुटाने वाली थी. FPO के आखिरी दिन इसे पूरा सब्सक्राइब भी किया जा चुका था.
कितना हुआ नुकसान
पिछले कुछ दिनों से अदानी ग्रुप शेयरों में जारी तेज गिरावट बुधवार को और भी तेज हो गई. बुधवार को क्रेडिट सुइस (Credit Suisse) के द्वारा ग्रुप के बॉन्ड्स मार्जिन लोन पर रोक लगाने के बाद अदानी एंटरप्राइजेस के स्टॉक में 35% की गिरावट दर्ज हई और स्टॉक 2,128 के स्तर पर बंद हुआ. जबकि FPO के लिए फ्लोर प्राइस ही 3112 रुपये प्रति शेयर था. ऐसे में निवेशकों को हो रहे तगड़े नुकसान को देखते हुए बोर्ड ने FPO को कैंसिल करने का फैसला लिया है.