कंपनी ने ये कदम लंबी अवधि के लिए निकेल की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया है. दरअसल स्टेनलेस कारोबार पर निकेल की कीमतों का सीधा असर पड़ता है और कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है.
जिंदल स्टेनलेस मंगलवार को जानकारी दी है कि वो इंडोनेशिया की एक कंपनी में 49 फीसदी की हिस्सेदारी खरीदने जा रही है. ये डील 15.7 करोड़ डॉलर की होगी. जो कि करीब 1300 करोड़ रुपये के बराबर है. कंपनी ने जानकारी दी है कि इस डील की मदद से उसे निकेल पिग आयरन यानि एनपीआई की लगातार सप्लाई सुनिश्चित होगी.
जिंदल स्टेनलेस का लक्ष्य है कि वो इंडोनेशिया में एनपीआई स्मेल्टर फैसिलिटी का विकास और निर्माण करे और उसे ऑपरेट करे. फिलहाल जेएसएल अपनी अधिकांश निकेल जरूरत को स्टेनलैस स्टील के स्क्रैप और एनपीआई या फेरो निकेल के जरिए पूरा करता है. कंपनी के मुताबिक अनुमान है कि ये सुविधा अगले 2 साल में काम करना शुरू करेगी. जिसकी क्षमता 2 लाख टन निकेल पिग आयरन सालाना की होगी जिसमें निकेल 14 फीसदी होगा. कंपनी ने ये कदम लंबी अवधि के लिए निकेल की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए उठाया है.