विवेक चंद सहगल कंपनी के मालिक है. शुरुआत में मिस्टर सहगल अपने नाना जी के साथ मिलकर सिल्वर बिजनेस करते थे. उस समय में उनकी हर महीने की इनकम 1000 रुपये से 1500 रुपये के करीब होती थी. इसके बाद उन्होंने अपनी माता जी के साथ मिलकर एक कंपनी बनाई
इस कंपनी को बनाने में उन्होंने 1000 रुपये खर्च किए. उनकी माता जी का नाम स्वर्ण लता सहगल था. इस कंपनी को मिलकर मां बेटे ने बनाया था. इसीलिए इस कंपनी का नाम शुरुआत में मदरसन था.
इसके बाद मदरसन कंपनी ने अपने कारोबार को आगे बढ़ाया. कुछ समय बाद कंपनी ने जापान सुमीतोमो के साथ करार किया. इसके बाद कंपनी का नाम हो मदरसन सूमी.
कंपनी का बिजनेस-
शुरुआत में कंपनी हाउस केबल्स, पॉलिस्टर चिप्स करती थी. 1983 में कंपनी को मारुति से प्लेबियन कार कनेक्टर का ऑर्डर मिला. इससे कंपनी की काया पलट हो गई.
मदरसन सूमी ने इसके लिए मारुति इलेक्ट्रिक के लिए Tokia Electric के साथ करार किया. इससे उनका बिजनेस तेजी से चलना लगा. उस समय कंपनी की कुल आय का 80 फीसदी हिस्सा मारुति से आता था.मौजूदा समय में कंपनी की 41 देशों में फैसेलिटी है. इसमें 1.75 लाख लोग काम करते है.
कंपनी के ग्राहक- मर्सडीज, ऑडी, पॉर्स कंपनी के ग्राहकों में शामिल है. ये कहा जाता है कि दुनिया की लगभग सभी देशों की कंपनी को मदरसन अपने पार्ट्स बेचती है.
कंपनी की खास योजना जो उन्हें बनाती है सुपरहिट- कंपनी अपनी सभी योजनाओं को 5 साल के लिए ही बनाती है.
साल 1993 में कंपनी का आईपीओ आया था. कंपनी ने तब से यानी 30 साल में 10 बार बोनस, 2 बार स्टॉक स्प्लिट हुए है. मौजूदा समय में कंपनी की मार्केट वैल्यू करीब 55 हजार करोड़ रुपये है.