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शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों पर कैसे और कब लगता है STT, जानिए अब सरकार ने क्या बड़ा ऐलान

शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों पर कैसे और कब लगता है STT, जानिए अब सरकार ने क्या बड़ा ऐलान
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By HINDICNBCTV18.COMMar 25, 2023 11:34:27 AM IST (Updated)

What is STT : फाइनेंस बिल में कहा गया कि ऑप्शन की बिक्री पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को 0.017 फीसदी से बढ़ाकर 0.021 फीसदी कर दिया गया है. इससे ऑप्शन ट्रेडर्स के बीच में कंफ्यूजन फैल गई क्योंकि ऑप्शन पर पहले से ही 0.05 फीसदी की दर से टैक्स लग रहा है.

सिक्‍योरिटी ट्रांजेक्‍शन टैक्‍स (एसटीटी) को पहली बार साल 2004 के आम बजट में लाया गया था.एसटीटी एक तरह का डायरेक्ट टैक्स है. यह सीधे निवेशक/ट्रेडर पर लगाने के बजाय ब्रोकर पर लगाया जाता है. बदले में ब्रोकर अपने क्‍लाइंट से इसे कलेक्‍ट करते हैं और सरकार को जमा करते हैं. निवेशक या ट्रेडर को यह टैक्‍स देना ही पड़ता है, फिर चाहे उन्‍हें मुनाफा हुआ हो या नहीं हुआ हो. आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने ऑप्शन की बिक्री पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को लेकर फैले भ्रम को दूर कर दिया. उन्होने कहा कि टाइपिंग की गलती से भ्रम फैला है और सरकार इस गलती को दूर करने के लिए आगे बिल में संशोधन करेगी.

STT कहां कहां लगता है? 
एसटीटी अभी इक्विटी और डेरिवेटिव ट्रांजेक्‍शन पर लगता है. एसटीटी के दायरे में फ्यूचर और ऑप्‍शंस बिक्री के मामले में आते हैं. फ्यूचर और ऑप्‍शन ट्रांजेक्‍शन पर दरें इक्विटी के मुकाबले कम होती हैं. यह लाजिमी है क्‍योंकि ऐसे कॉन्‍ट्रैक्‍ट की वैल्‍यू नोशनल यानी धारणात्‍मक होती है.इक्विटी फंडों की बिक्री पर भी एसटीटी लगता है. इसका मतलब यह है कि अगर आप इक्‍व‍िटी फंड को भुनाते हैं तो बिक्री के मूल्‍य पर आपको एसटीटी देना पड़ता है.
फाइनेंस बिल में कहा गया कि ऑप्शन की बिक्री पर सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स को 0.017 फीसदी से बढ़ाकर 0.021 फीसदी कर दिया गया है. इससे ऑप्शन ट्रेडर्स के बीच में कंफ्यूजन फैल गई क्योंकि ऑप्शन पर पहले से ही 0.05 फीसदी की दर से टैक्स लग रहा है.
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