नये साल यानी 2023 का पहला मंथली एक्सपायरी बाजार के लिए खास नहीं रहा. आज कई खबरों और निगेटिव सेंटीमेंट की वजह से बाजार में भारी गिरावट देखने को मिली है. आज बाजार में बीते एक महीने में एक दिन की सबसे बड़ी बिकवाली देखने को मिली. अमेरिका में कमजोर आर्थिक आंकड़ों ने संभावित मंदी की आशंका को और बढ़ा दिया है. इसके अलावा आज अदानी ग्रुप की कई कंपनियों पर Heidenberg की रिपोर्ट का भी बाजार में असर देखने को मिला है. आज ऑटो सेक्टर को छोड़कर सभी सेक्टर में बिकवाली देखने को मिल रही है.
आज दिनभर के कारोबार के बाद निफ्टी करीब 226 अंक यानी 1.25% की गिरावट के साथ 17,891.95 के स्तर पर और सेंसेक्स 774 अंक यानी 1.27% की गिरावट के साथ 60,205.06 पर बंद हुआ. निफ्टी बैंक में 1,086 अंकों की भारी गिरावट रही, जिसके बाद ये 41,648 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 458 अंकों की गिरावट के साथ 30,694 पर बंद हुआ.
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— CNBC-AWAAZ (@CNBC_Awaaz) January 25, 2023
अदानी ग्रुप शेयरों का मार्केट कैप 1 लाख करोड़ रुपये घटा
Hiedenberg की रिपोर्ट के बाद आज अदानी ग्रुप के कई शेयरों में बिकवाली दिखी. अदानी ग्रुप के कई शेयरों में बिकवाली के बाद मार्केट कैप में करीब 1 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. इस ग्रुप के शेयरों में आज 7% तक की गिरावट देखने को मिली. निफ्टी के सबसे कमजोरी वाले शेयरों में आज Adani Ports, Ambuja और ACC के शेयर शामिल रहे.
नतीजों का असर
फाइनेंशियल शेयरों पर दबाव का असर बाजार में देखने को मिला. निफ्टी की गिरावट में सबसे ज्यादा योगदान फाइनेंशियल शेयरों का रहा. हालांकि, ऑटो सेक्टर ने बाजार को सपोर्ट भी किया. Maruti Suzuki, TVS और Bajaj Auto के मजबूत नतीजों के बाद इन शेयरों में तेजी रही. मिलेजुले नतीजों के बाद फार्मा कंपनी Cipla करीब 2% की गिरावट के साथ बंद हुआ.
पहली बार तिमाही आधार पर घाटे में जाने के बाद आज Indus Towers के शेयर में आज 7% की गिरावट रही. Granules India का शेयर भी आज 7% की गिरावट के साथ बंद हुआ. कंपनी ने कैपेक्स बढ़ाने का ऐलान किया है. अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के नतीजों के बाद CONCOR, USL और SBI Card भी कमजोरी के साथ बंद हुए.
क्यों टूटा शेयर बाजार
1. AUM कैपिटल के राजेश अग्रवाल ने सीएनबीसी टीवी18 हिंदी को बताया कि अडानी की खबर के बाद बैंकिंग शेयरों पर दबाव बना. इसी का असर सेंसेक्स, निफ्टी पर दिखा है. आपको बता दें कि एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप की वैल्यूएशन को लेकर सवाल खड़े किए गए है. इसी वजह से बाजार पर दबाव बना.
2. एक्सपायरी का असर भी बाजार पर दिखा- एक्सपायरी के चलते भी बाजार पर दबाव दिखा है. निवेशक फिलहाल बजट पर फोकस कर रहे हैं. इसीलिए नए सौदे बनाने से बच रहे हैं.
3. इस गिरावट के पीछे टी-1 सेटलमेंट नियम का असर भी बाजार पर दिखा है. आपको बता दें कि 27 जनवरी से भारत की लगभग 200 सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनियां लेन देन से जुड़ी प्रक्रिया को बदल रही हैं.