Share Market :
लगभग सभी कंपनियों ने तीसरी तिमाही के नतीजे जारी कर दिए हैं. 20 फरवरी से शुरू हो रहे हफ्ते के लिए कोई बड़ा डोमेस्टिक ट्रिगर नजर नहीं आ रहा है, ऐसे में विश्लेषकों का कहना है कि इस हफ्ते इक्विटी निवेशक ग्लोबल ट्रेंड्स और विदेशी फंड पर ध्यान केंद्रित करेंगे. इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा काफी हद तक विदेशी संकेतकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के प्रवाह पर निर्भर करेगी. एक्सपर्ट्स ने कहा कि हफ्ते के दौरान डेरिवेटिव्स की समाप्ति के बीच बाजार को उतार- चढ़ाव के रुझान का सामना करना पड़ सकता है.
एक्सपर्ट की राय
इस संदर्भ में स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के हेड ऑफ रिसर्च संतोष मीणा ने कहा कि ग्लोबल रुख और एफएंडओ एक्सपायरी की वजह से इस सप्ताह बाजार में उतार- चढ़ाव देखने को मिल सकता है. हालांकि, पिछले कुछ दिन में एफआईआई ने खरीदारी में थोड़ी दिलचस्पी दिखाई है. लेकिन पिछले हफ्ते कुछ ब्लॉक खरीदारी हुई थी, इसलिए उनका प्रवाह अहम होगा.
कैसा रहा FPI का रुख?
पिछले सप्ताह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने सप्ताह के दौरान शुद्ध रूप से 7,600 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इससे पिछले सप्ताह यानी 7 फरवरी से 12 फरवरी के दौरान एफपीआई ने 3,920 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे.
इन कारणों से भी प्रभावित होगा बाजार
इस हफ्ते ब्रेंट कच्चे तेल के दाम और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये के उतार- चढ़ाव पर भी नजर रहेगी. रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (टेक्निकल रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा कि ग्लोबल मार्केट से, खासतौर पर अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर सभी की नजर रहेगी. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमत में उतार-चढ़ाव और रुपए की चाल से भी बाजार को दिशा मिलेगी.
मालूम हो कि पिछले हफ्ते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 319.87 अंक या 0.52 फीसदी की तेजी आई. पिछले सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़े जारी होने के बीच FPI की लिवाली से बाजार हरे निशान पर रहा.
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