सबसे पहले आपको अमेरिकी बैंक के बारे में बताते हैं. फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ने एलान किया है कि सिलिकॉन वैली बैंक (SVB) को रेगुलेटर ने बंद कर दिया है. साथ ही बैंक की बैंक के पास जमा डिपॉजिट पर अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व के पास है. 31 दिसंबर 2022 तक सिलिकॉन वैली बैंक की कुल संपत्ति करीब 209 बिलियन डॉलर और कुल डिपॉजिट्स करीब 175.4 बिलियन डॉलर थी.
ऐसा अचानक क्या हुआ?
न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में लगातार ब्याज दरें बढ़ रही है. इसका असर बैंक पर पड़ा. साथ ही, डिजिटल एसेट्स में बैंक निवेशकों का रुझान घटा है.
इससे पहले कैलिफोर्निया में स्थित सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) ने अपने अपने शेयरों में 60 फीसदी की गिरावट के बाद क्लाइंट्स को आश्वासन दिया है कि उनका पैसा बैंक के साथ सुरक्षित है.
SVB फाइनेंशियल ग्रुप सिलिकॉन वैली बैंक के रूप में कारोबार करता है. उसे इस गिरावट के चलते अब तक 80 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि अभी इस मामले का अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर पर असर पड़ने की संभावना कम है और देश के लगभग सभी प्रमुख बैंक ऐसी किसी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए अपने पास पर्याप्त कैश बैलेंस बचाकर चल रहे हैं.
अब भारत पर क्या असर होगा? सिट्रेस एडवाइजर के संजय सिन्हा का कहना है भारत का बैंकिंग सिस्टम बेहद मजबूत है. आरबीआई के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास ने सख्ती से बैंकों के कर्ज वसूली कराई है. इसके अलावा आईबीसी कोड (इनसॉल्वेंसी बैंकरप्सी कोड) से अब कंपनियों के प्रमोटर्स को डर रहता है कि कंपनी बिक जाएगी.