यस बैंक के शेयर में आज कुछ एक्शन देखने को मिल सकता है. दरअसल रिस्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत निवेश करने वाले बैंकों का लॉकइन पीरियड 12 मार्च को खत्म हो रहा है. एसबीआई पहले ही संकेत दे चुका है कि वो शेयरों की बिक्री कर सकता है जिसके बाद यस बैंक के शेयरों में गिरावट आई थी.दरअसल आज से 3 साल पहले यस बैंक को आर्थिक संकट से निकालने के लिए एसबीआई के नेतृत्व में बैंक के समूह ने यस बैंक में अरबों रुपये लगाए थे. बदले में बैंकों को हिस्सेदारी हासिल हुई थी. इन बैंकों में SBI के अलावा आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीएफसी बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी शामिल हैं.
क्या है मामला-
मार्च 2020 में कैपिटल इंफ्यूजन के समय लिए गए शेयरों का लॉक इन पीरियड 3 साल के लिए रख गया था. यानि यस बैंक में निवेश करने वाले बैंक अपने शेयर 3 साल के लिए बेच नहीं सकते थे.

ये लॉक इन पीरियड आज खत्म हो रहा है. यानि ये बैंक अब चाहें तो अपने शेयर बेच सकते हैं. एसबीआई ने बिकवाली के संकेत दिए हैं इसी वजह से स्टॉक्स में तेज गिरावट भी देखने को मिल रही है. स्टॉक बीते 2 सत्र में 7 फीसदी से ज्यादा टूट गया है. हालांकि ये भी संभावना है कि सभी स्टॉक्स एक साथ नहीं बिकेंगे बैंक धीरे धीरे अपना पैसा निकालेंगे.
कितना है निवेश-आंकड़ों के अनुसार फिलहाल बैंकों के पास यस बैंक के 1038 करोड़ शेयर हैं जो कि बैंक के कुल शेयरों का 36 फीसदी हिस्सा है. 2020 में कैपिटल इंफ्यूजन के समय लिए गए शेयरों का लॉक इन पीरियड 13 मार्च 2020 से से 3 साल के लिए रख गया है. पिछले साल ही यस बैंक ने जानकारी दी थी कि उसे रीकंस्ट्रक्शन स्कीम से बाहर निकलने का मौका लॉक इन पीरियड खत्म होने के बाद मिलेगा. फिलहाल यस बैंक में एसबीआई का 26 फीसदी, एलआईसी का 4 फीसदी, कोटक महिंद्रा बैंक का 1.32 फीसदी, एचडीएफसी का 3.48 फीसदी, एक्सिस बैंक का 1.57 फीसदी, आईसीआईसीआई बैंक का 2.61 फीसदी और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक का 1 फीसदी हिस्सा है.