एडवांस कंप्यूटर विजन, मशीन लर्निंग एल्गोरिदम्स का इस्तेमाल कर Ogler, लाइट, दूरी और कलर्स जैसे पैरामीटर को एनालाइज कर आंखों की जांच करता है. Ogler ये भी पता लगाता है कि आंखें सही तरीके से स्कैनर फ्रेम में ठीक तरह से फिट हुई थीं या नहीं.
प्रतिभा उम्र कि मोहताज नहीं होती है. कभी-कभी बच्चे भी ऐसा कारनामा कर जाते हैं, जिसका सिर्फ आईडिया लगाना भी मुश्किल होता है. ऐसा ही एक अद्भुत काम 11 साल बच्ची ने कर दिखाया है. केरल की रहने वाली लीना रफीक ने आइफोन का इस्तेमाल करके एक अनूठी स्कैनिंग प्रक्रिया के माध्यम से आंखों की बीमारियों और अन्य स्थितियों का पता लगाने के लिए आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित एक एप्लिकेशन बनाया है.
रफीक ने इस एप्लिकेशन को 'ओग्लर आईस्कैन (Ogler EyeScan)' नाम दिया है. उसने ही असाधारण इनोवेशन की जानकारी अपने लिंक्डइन अकाउंट से दी. इसके साथ रफीक ने एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उसने बताया कि आखिरकार ये टेक्नोलॉजी 'कैसे काम करती है'.
कैसे काम करेगा Ogler EyeScan
लिंक्डइन पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए रफीक ने लिखा कि ये एक एक्साइटिंग न्यूज है! अपनी नई आर्टिफिशियली इंटेलिजेंट एप के बारे में जानकारी देते हुए मैं काफी रोमांचित हूं. इस एप का नाम है Ogler Eye scan. मैंने ये AI एप दस साल की उम्र में बनाई थी. Ogler, आईफोन के जरिए आंखों को स्कैन कर अलग अलग बीमारियों को डिटेक्ट करने में माहिर है.