What is ChatGPT: फर्म के मुताबिक हैकर्स इस ओपन AI का उपयोग गलत जानकारी पेश करने और आप से मिली जानकारी को गलत तरीके से उपयोग करने के लिए Bot चलाते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले ChatGPT की थर्ड जनरेशन आ चुका है.
आम लोगों की साइबर सिक्योरिटी पर नजर रखने वाली फर्म चेक प्वाइंट रिसर्च ने चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है. फर्म के मुताबिक सायबर क्रिमिनल्स आम लोगों के सेंसिटिव प्राइवेट डाटा पर नजर जमाए बैठे हैं. कंपनी कुछ ऐसे साइबर क्राइम की गवाह बन चुकी है जहां उसने रूसी हैकर्स को ChatGPT को बायपास करते देखा.
फर्म के मुताबिक हैकर्स इस ओपन AI का उपयोग गलत जानकारी पेश करने और आप से मिली जानकारी को गलत तरीके से उपयोग करने के लिए Bot चलाते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाले ChatGPT की थर्ड जनरेशन आ चुकी है. ,ये चिंता का विषय है या आम लोगों के लिए फायदेमंद खबर है, अब इस पर विचार जरूरी है.
ऐसे बढ़ रहीं मुश्किलें!
ये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहले ही शिक्षा जगत के लिए एक मुसीबत बन चुकी है. जिसकी मदद से स्टूडेंट्स बहुत आसानी से परीक्षा पत्र या निबंध लिख डालते हैं. इसी के चलते कई एजुकेशनल इंस्टीट्यूट ने इस AI Bot को बैन कर दिया है. ताकि, स्टूडेंट्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कंटेंट को कॉपी करने से बच सकें. हालांकि ChatGPT के पब्लिक यूसेज को रोक पाना अब बहुत आसान नहीं है.
ChatGPT उन संस्थानों के लिए एक अच्छा विकल्प बन कर उभरा है जो कॉपीराइटर्स और कोडर्स को हायर नहीं करना चाहते. इसी के साथ ChatGPT वर्चुअल जगत के अपराधियों के लिए भी एक बेहतरीन टूल बन गया है. चेक प्वाइंट रिसर्च के मुताबिक हैकर्स इसके जरिए आईपी एड्रेस जानकर पेमेंट कार्ड की डिटेल जान लेते हैं. साथ ही किसी के भी फोन का कंट्रोल भी आसानी से अपने हाथ में ले सकते हैं.
सिर्फ इतना ही नहीं इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए हैकर्स फेक न्यूज फैला सकते हैं, प्रोपेगैंडा खड़े कर सकते हैं साथ ही आईटी सेल की मदद के बिना ऑटोमेटेड डिसइंफॉर्मेशन कैंपेन चला सकते हैं.
डाटा हैक होने से कैसे रोकें?
वर्चुअल क्रिमिनल्स के हाथ आपका सेंसिटिव डाटा लगे, उससे पहले सतर्क हो जाना जरूरी है. इंटरनेट पर काम करते समय कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें.
फोन पर आने वाली हर लिंक और मेल को क्लिक न करें. पहले उसका सोर्स समझें उसके बाद ही आगे बढ़ें.
किसी भी वेबसाइट को ओपन करने से पहले डोमेन का नाम अच्छे से चेक करें. अगर .com, .org जैसे एक्सटेंशन होने के बावजूद आगे का नाम ठीक न दिखे तो वेबसाइट ओपन न करें.
अपने सारे जरूरी डाटा को किसी डायरी या नोटबुक में जरूर लिख कर रखें या ऐसी किसी सेफ जगह पर रखें जो इंटरनेट की जद से दूर हो. ताकि हैकर्स आपके फोन पर कंट्रोल हासिल कर लें, तब भी आपके पास आपकी खुद की सारी इंफॉर्मेशन रहे.