इस साल मोबाइल प्रीपेड ग्राहकों को बड़ा झटका लग सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की टेलिकॉम कंपनियां साल के मध्य तक प्री-पेड टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती है.
इस साल मोबाइल प्रीपेड ग्राहकों को बड़ा झटका लग सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार भारत की टेलिकॉम कंपनियां साल के मध्य तक प्री-पेड टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती है. कंपनियों ने 5G के लिए बड़ा निवेश किया है, यही नहीं कंपनियों ने इक्विपमेंट और टावरों पर काफी खर्च किया है. हाई नेटवर्क लागत को देखते हुए कंपनिया टैरिफ की कीमतें बढ़ा सकती हैं. कंपनियों का पिछले कुछ सालों में पोस्ट-पेड रेवेन्यू लगातार घट रहा है.
ब्रोकरेज हाउस IIFL सिक्योरिटिज का कहना है कि आने वाले समय में 5जी से जुड़े ARPU बढ़ना बहुत कठिन है ऐसे में कंपनियों के पास टैरिफ बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. ब्रोकरेज हाउस जेफरीज का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियां नए साल में 10 फीसदी टैरिफ में बढ़ोतरी कर सकती हैं.
कंपनियों ने 5G नेटवर्क पर किया बड़ा निवेश
इंडस्ट्री पर नजर रखने वालों को उम्मीद है कि 4G प्रीपेड टैरिफ 2022 के अंत में बढ़ सकते हैं. टेलिकॉम कंपनियों ने 5G स्पेक्ट्रम और 5G नेटवर्क हासिल करने की दिशा में बड़ी निवेश किया है. पिछले तीन साल में दो दौर की टैरिफ बढ़ोतरी के बाद भी यह 2016 के स्तर से नीचे है.