कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक न्यूरालिंक असाधारण रूप से प्रतिभाशाली लोगों की टीम है. कंपनी का दावा है कि वो मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस का भविष्य बना रहे हैं. वो कंपनी में निर्मित उपकरणों की मदद से पैरालिसिस के शिकार लोगों के लिए नए रास्ते खोलने की कोशिश कर रहे हैं.
टि्वटर का अधिग्रहण करने के बाद एलन मस्क लगातार अपने फैसलों के बाद से चर्चाओं में हैं. मस्क अकेले टि्वटर कंपनी के मालिक नहीं हैं. वो टेस्ला, स्पेसएक्स, द बोरिंग कंपनी, ओपनAI, Zip2 जैसी कंपनियों के भी मालिक हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी एक कंपनी न्यूरालिंक आजकल काफी चर्चाओं में है. ये कंपनी अपने प्रयोगों के चलते अमेरिका में निशाने पर है.
ये कॉन्ट्रोवर्सी उनके एनिमल ट्रेनिंग प्रोग्राम को लेकर हुई है. इस प्रोग्राम के तहत एलन मस्क जानवरों के सिर में चिप लगाकर उनको ट्रेंड करने की कोशिश कर रहे हैं. आइए जानते हैं कि ये प्रोग्राम आखिर है क्या और क्या भविष्य में इंसानों के दिमाग में चिप लगाकर उन्हें निर्देश दिए जा सकेंगे?
क्या है न्यूरालिंक कंपनी
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक न्यूरालिंक असाधारण रूप से प्रतिभाशाली लोगों की टीम है. कंपनी का दावा है कि वो मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस का भविष्य बना रहे हैं. वो कंपनी में निर्मित उपकरणों की मदद से पैरालिसिस के शिकार लोगों के लिए नए रास्ते खोलने की कोशिश कर रहे हैं. इस कंपनी में नई तकनीकों का आविष्कार किया जा रहा है, जो दिमागी क्षमताओं, हमारे समुदाय और हमारी दुनिया का विस्तार कर सकती हैं.
साधारण शब्दों में समझें तो कंपनी न्यूरालिंक एक ब्रेन चिप इंटरफ़ेस का निर्माण कर रही है जिसे इंसानी खोपड़ी के अंदर ट्रांसप्लांट किया जा सकेगा. इसके जरिए विकलांग रोगियों को फिर से चलाने और फिर से संवाद करने में मदद मिलेगी. वो दृष्टिबाधित लोगों की भी मदद कर सकेगा.
क्या है न्यूरालिंक टेक्नोलॉजी?
ये एक ऐसा सिस्टम है जो एक बहुत ही छोटे और पतले डिवाइस के जरिए काम करता है. ये डिवाइस एक न्यूरोसर्जिकल रोबोट की तरह होता है. इसका हाई डेंसिटी इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम दिमाग में मौजूद न्यूरोन्स की मदद से इनफार्मेशन को आसानी से प्रोसेस करता है. इस डिवाइस को ब्रेन में लगाया जाता है. UCSF और UC Berkeley की तरफ से डेवलेप की गई तकनीक पर ये डिवाइस काम करता है.
इस डिवाइस को नाम दिया गया है न्यूरालिंक (Neuralink).यह एक चिप की तरह नजर आती है. ये चिप न्यूरल सिग्नल को प्रोसेस करती है. जिन्हें कंप्यूटर या फोन पर ट्रांसमिट किया जा सकता है.
क्या क्या कर सकता है न्यूरालिंक?
इस चिप को मस्क के साथ मिलकर कुछ इंजीनियर्स ने साल 2016 में तैयार किया था. यह एक ब्रेन चिप इंटरफेस है, जिसे स्कल के अंदर लगाया जाता है. इस चिप के लिए दावा किया जाता है कि ये डिसेबल पर्सन को भी चलने फिरने और कम्युनिकेट करने में मददगार है. दावा ये भी है कि इससे विजन भी रिस्टोर हो सकता है. अब मस्क की टीम को FDA के अप्रूवल का इंतजार है. ताकि, इस चिप को इंसानों में ट्रांसप्लांट कर भी ट्राई किया जा सके.
क्या है कंट्रोवर्सी?
एलन मस्क की तमाम बड़ी कंपनियों के बीच एक मेडिकल डिवाइस कंपनी है. फेड्रल इंवेस्टिगेशन इस कंपनी की जांच कर रहा है. कंपनी पर वहीं काम करने वाले कर्मचारियों ने कुछ संजीदा आरोप लगाए हैं. आरोप है कि कंपनी के टेक्निकल एक्सपर्ट रिजल्ट हासिल करने की चाहत में पशुओं पर कुछ क्रूर एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं.
साइंटिफिक टेस्ट के लिए बंदरों, भेड़ों और पिग्स की बुरी तरह सर्जरी की जा रही है. न्यूरालिंक लगाने के बाद जानवरों के दिमाग की ओपन स्पेस को भरने के लिए अनअप्रूव्ड एडहेसिव्स यूज किए जा रहे हैं. जिसके बाद जानवरों को ब्रेन हेमरेज तक हो रहा है.
न्यूरालिंक के फायदे
इस चिप के बारे में माना जा रहा है कि ये सिर्फ थॉट्स के जरिए माउस, कीबोर्ड को ऑपरेट कर सकेगा. ऐसा करके वो टेक्स्ट मैसेज भेजने में सक्षम होगा. कंपनी का मानना है कि इसके अलावा भी चिप भविष्य में बहुत काम की साबित हो सकती है. जिसमें मोटर, सेंसरी नर्व्स के साथ विजुअल फंक्शन को रिस्टोर करना शामिल है. साथ ही ये न्यूरोलॉजिकल डैमेज को भी ठीक कर सकेगी.
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