पंजाब पुलिस ने जालंधर के मैहतपुर इलाके से खालिस्तान समर्थक अमृतपाल और उसके 6 साथियों को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तारी अजनाला थाने पर हमले से जुड़े केस में हुई है.
खालिस्तानी संगठन 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी को लेकर चल रहे अभियान के बीच पंजाब में इंटरनेट बंद कर दिया गया है. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है, जब किसी सरकार को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा है. किसी भी असमान्य स्थिति के उत्पन्न होने पर सरकार इंटरनेट को किसी विशेष एरिया में बंद करने का अधिकार रखती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि कोई भी अफवाह न फैले. क्योंकि गलत इनफार्मेशन का फैलना कई बार दंगे का कारण बन जाता है, जिससे शांति भंग होती है.
भारत में इंटरनेट शटडाउन के प्रावधान
भारत की केंद्र और राज्य सरकार भी गंभीर परिस्थिति में इंटरनेट शटडाउन का अधिकार रखती हैं. इसके लिए कुछ प्रावधान भी हैं, जो इस प्रकार हैं -
भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम 1885 (Indian telegraph act 1885)
दूरसंचार सेवाओं (सार्वजनिक आपातकालीन और सार्वजनिक सुरक्षा) नियमों के अस्थायी निलंबन को शामिल करने के लिए अधिनियम की धारा 7 में संशोधन किया गया है. नियमानुसार संघ या राज्य का गृह सचिव ही ऐसा आदेश जारी कर सकता है. इसकी 5 दिनों के भीतर एक समिति द्वारा समीक्षा की जाती है. ऐसा आदेश 15 दिनों से अधिक समय तक लागू नहीं रह सकता है.
धारा 144 सीआरपीसी (Powers under section 144 CrPC)
इसके तहत एक गंभीर परिस्थिति (unavoidable circumstance) में इंटरनेट शटडाउन का आदेश संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के रैंक के एक अधिकारी द्वारा जारी किया जा सकता है, जिसे संघ या राज्य के गृह सचिव द्वारा अधिकृत किया गया हो.
भारत में सबसे ज्यादा हुए हैं इंटरनेट शटडाउन
भारत विश्व स्तर पर इंटरनेट शटडाउन की लिस्ट में सबसे ऊपर है. सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर के ट्रैकर के अनुसार, भारत में 2012 से अब तक 381 बार इंटरनेट शटडाउन हुआ है, जिनमें से 106 शटडाउन 2019 में थे. अनुच्छेद 370 के बाद कश्मीर में इंटरनेट शटडाउन किसी भी लोकतांत्रिक देश में अब तक का सबसे लंबा शटडाउन था. इंटरनेट सेवाओं के निलंबन पर विधायी प्रावधानों को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), 1973 और टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के तहत निपटाया जाता है.
यूके स्थित प्राइवेसी और सिक्योरिटी रिसर्च फर्म Top10VPN की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में इंटरनेट शटडाउन से भारत को 2.8 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
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