टैक्स एक्सपर्ट्स बताते हैं कि घर खर्च के लिए हर महीने पैसे देते हैं या गिफ्ट के तौर पर रकम देते हैं तो पत्नी पर इनकम टैक्स (Income Tax) की जिम्मेदारी नहीं बनती है. ये दोनों ही तरह की रकम पति की इनकम के तौर पर ही मानी जाएंगी. टैक्स एक्सपर्ट्स शरद कोहली ने सीएनबीसी आवाज़ के टैक्स गुरू शो में बताया कि इस रकम के लिए पत्नी को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का कोई नोटिस नहीं आएगा. लेकिन, अगर पत्नी इस पैसे को बार-बार कहीं निवेश करती है और उसे इससे इनकम होती है तो होने वाली आमदनी पर टैक्स की देनदारी (Taxable Income) बनेगी. दूसरे शब्दों में समझें तो निवेश पर होने वाली आय की गणना साल-दर-साल आधार पर पत्नी की इनकम मानी जाएगी, जिस पर टैक्स चुकाना होगा.
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शरद कोहली कहते हैं कि इनकम टैक्स की धारा 269SS और 269T के तहत 20 हजार रुपये से ज्यादा के कैश लेन-देन पर पेनल्टी का प्रावधान है. हालांकि, इसमें कई मामलों में छूट दी जाती है.
(2) जैसे पिता-पुत्र, पति पत्नी और कुछ नज़दीकी रिश्तेदारों के बीच हुए लेन-देन पर भी पेनल्टी नहीं लगता है. इन मामलों में छूट दी गई है.
(3) आसान शब्दों में समझें तो इस रकम के लिए पत्नी को आयकर विभाग का कोई नोटिस नहीं आएगा. लेकिन, अगर पत्नी इस पैसे को बार-बार कहीं निवेश करती है और उसे इससे इनकम होती है तो होने वाली आय पर टैक्स की देनदारी (Taxable Income) बनेगी.
(4) इनकम टैक्स कानून (Income Tax Act) के तहत आय से इतर अगर आप गिफ्ट के तौर पर पत्नी को पैसे देते हैं तो वह आपकी कमाई ही मानी जाएगी और उस पर टैक्स देनदारी भी आपकी ही बनेगी. दरअसल, स्पाउस रिलेटिव्स की कैटिगरी में कवर होते हैं. ऐसे में इस तरह के गिफ्ट ट्रांजैक्शन को लेकर कोई टैक्स नहीं लगता है.