ये डिजिटल रुपया क्या है?
ई-रुपया एक डिजिटल टोकन है. रुपए की तरह डिजिटल टोकन को भी कानूनी दर्जा मिला हुआ है. जितने डिनॉमिनेशन के सिक्के और रुपए हैं उसी डिनॉमिनेशन में डिजिटल टोकन भी जारी होंगे. बैंक ई-रुपया रुपया जारी करेंगे. डिजिटल वॉलेट के जरिये ई-रुपया का लेनदेन होगा.
मोबाईल फोन पर होगा खास डिजिटल वॉलेट-ई-रुपया का लेनदेन शख्स आपस में एक दूसरे के बीच कर सकता है.ई-रुपया का लेनदेन ग्राहक और दुकानदारों के बीच हो सकता है.मर्चेंट के पास QR कोड होगा, जिससे ई-रुपया स्वीकार करेगा.ई-रुपया पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा.ई-रुपया के पायलट प्रोजेक्ट के लिए 8 बैंकों की पहचान की गई है.
पहले चरण में 4 बैंकों से जारी होगा ई-रुपया-स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक जारी करेंगे.अगले चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जारी करेंगे. पहले चरण में देश के चार शहरों में ई-रुपया जारी होगा. मुंबई, दिल्ली, बंगलुरू और भुवनेश्वर
अगले चरण में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोची, पटना और शिमला में इस्तेमाल कर सकेंगे.
इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट आपके अकाउंट से जुड़ा होता है.डिजिटल रुपया का आपके अकाउंट से रिश्ता नहीं होगा.
इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट से ऑनलाइन फ्रॉड होने पर आपके अकाउंट का पैसा भी जा सकता है.डिजिटल रुपया में ऑनलाइन फ्रॉड होने पर सिर्फ वो टोकन तक सीमित रहेगा.इलेक्ट्रॉनिक वॉलेट या डिजिटल ट्रांजेक्शन वाले पैसे के लिए बैंक जिम्मेदार होता है.डिजिटल रुपया के लिए सिर्फ रिजर्व बैंक जिम्मेदार होगा.