सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद EPS यानी Employee Pension Scheme में बदलाव तो हो गया है. अब नौकरी करने वाले कर्मचारी को ज्यादा पेंशन पाने का विकल्प मिल गया है. अगर आसान शब्दों में कहें तो पेंशन फंड में योगदान बढ़ाने का विकल्प मिल गया है. वास्तविक बेसिक के आधार पर योगदान बढ़ेगा. मौजूदा समय में 15,000 बेसिक अधिकतम सीमा है. पिछले वर्षों का योगदान भी भरना होगा.
अब कुछ ऐसे सवाल है जो कर्मचारियों के मन में उठ रहे हैं. जैसे एम्पलॉई पेंशन स्कीम में क्या बदला है ? ज्यादा पेंशन के लिए क्या करना होगा ? पिछले सालों का कंट्रिब्यूशन कैसे जोड़ें ? पेंशन के कैलकुलेशन का फॉर्मूला क्या ?
इन्हीं सवालों के जवाब आज हम आपको दे रहे हैं....
टैक्स एक्सपर्ट शरद कोहली का कहना है कि भारत में ज्यादातर लोग ज्यादा पेंशन चाहते है. लेकिन ये नया ऑप्शन हर आदमी के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. जैसे किसी व्यक्ति ने अपने बुढ़ापे के लिए अच्छी सेविंग्स कर ली है तो उन्हें जरुरत नहीं है. शायद वो इस विकल्प को ना चुनें. वहीं, कुछ इसे चुनेंगे.आपको बता दें कि नवंबर, 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 को बरकरार रखा था.
शरद कोहली जी कहते हैं कि मुझे लगता है कि भारत में एक बड़ा वर्ग इसे चुनेंगे. उन्होंने कहा कि ये नौकरी करने वालों का ही पैसा होता है. इससे पहले 22 अगस्त, 2014 के ईपीएस संशोधन (EPS amendment) ने पेंशन योग्य वेतन सीमा को 6,500 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रति माह कर दिया था. साथ ही सदस्यों और उनके नियोक्ताओं को ईपीएस (EPS) में उनके वास्तविक वेतन का 8.33% योगदान करने की अनुमति दी थी.
आगे की पूरी जानकारी आपको वीडियो में मिलेगी...