सरकार ने घरेलू इक्विटी में सीमित निवेश करने वाले फंड्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का फायदा न देने का फैसला लिया है. फाइनेंस बिल के पास होने के बाद सरकार ने इस फैसले पर मुहर लगा दी है. संशोधन के मुताबिक ऐसे म्यूचुअल फंड जिनके एसेट अंडर मैनेजमेंट में घरेलू इक्विटी का हिस्सा 35 फीसदी से कम है उन पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस के आधार पर टैक्स लगाया जाएगा. इसके साथ ही एसेट अंडर मैनेजमेंट में घरेलू इक्विटी का हिस्सा 35 फीसदी से कम रखने वाले फंड्स को इंडेक्सेशन का भी फायदा नहीं मिलेगा.
सुदंरम म्यूचुअल फंड के एमडी और सीईओ सुनील सुब्रमण्यम के मुताबिक सरकार ने इंडेक्सेशन का फायदा हटा दिया है जिसका असर है कि कई निवेशक अब डेट म्यूचुअल फंड से दूरी बना सकते हैं.
इससे संभावना है कि डेट म्यूचुअल फंड्स के संभावित निवेशक एफडी और बॉन्ड्स में जा सकते हैं. वहीं रिजर्व बैंक के टैक्स फ्री बॉन्ड्स में हिस्सेदारी बढ़ सकती है.