शुगर सीजन 2022-23 (अक्टूबर से मार्च तक) में चीनी उत्पादन पिछले साल 35.9 मिट्रीक टन से 7% गिरकर 33.5 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान है. मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में कम गन्ना उपज के कारण शुगर उत्पादन कम हो सकता है. पिछले साल अक्टूबर के दौरान बेमौसम बारिश से दोनों राज्यों में गन्ने की पैदावार में गिरावट आई है.
सबसे बड़े चीनी उत्पादक राज्य महाराष्ट्र ने चीनी के उत्पादन के अनुमान को 9% घटाकर 12.5 मीट्रिक टन कर दिया है.इस वर्ष कर्नाटक का चीनी उत्पादन 5.5 मीट्रिक टन अनुमानित है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14% कम है.
ऊपरी स्तरों से शेयर 50% तक नीचे
मवाना शुगर -53%
राणा शुगर -50%
अवध शुगर -48%
द्वारिकेश -40%
शक्ति शुगर -37%
रेणुका -30%
शुगर शेयरों में क्यों आ रही है गिरावट- अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में शुगर सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के नतीजे कमजोर रहे है. इसीलिए शेयरों में तेज गिरावट आई है. साथ ही एक्सपर्ट्स का कहना है कि शुगर की सेल्स में भी धीमापन देखने को मिल रहा है. इसके अलावा फरवरी में चीनी 5% तक सस्ती हो गई है. इन्हीं संकेतों का असर शेयरों के भाव पर पड़ा है.
अब आगे क्या? उत्पादन के आकड़ों को देखकर अतिरिक्त चीनी एक्सपोर्ट पर फैसला लिया जा सकता है.
कम उत्पादन की सूरत में एक्सपोर्ट को नहीं मिलेगी मंजूरी. ये कंपनी के लिए सबसे बड़ा ट्रिगर है.
कंपनियों के मौजूदा वैल्यूएशन
बलरामपुर चीनी का EPS 13.5 है और PE 28x है.
EID पैरी का EPS 60.5 है और PE 9x है.
द्वारीकेश शुगर का EPS 6.3 है और PE 14x है.
उत्तम शुगर का EPS 30.7 है और 8x है.
धामपुर शुगर का EPS 19.1 है और 11x है.
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