DVR यानी डिफ्रेंशियल वोटिंग राइट्स है. DVR किसी भी दूसरे शेयर की तरह ही होता है, लेकिन इसमें शेयरधारक को वोटिंग का अधिकार कम होता है.मसलन Tata Motors DVR में 10 शेयरों पर 1 शेयर का वोटिंग राइट्स है, लेकिन डिविडेंड आम शेयरों से 5% अधिक है.
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DVR में संस्थागत और रीटेल दोनों तरह के निवेशक निवेश कर सकते हैं.दुनियाभर में आमतौर पर DVR 25-30% के डिस्काउंट पर कारोबार करता है.
(2) भारतीय बाज़ारों में जानकारी के अभाव के चलते DVR पर डिस्काउंट करीब 40-45% है.
(3) DVR के लिए शर्तें-कंपनी कम से कम 3 साल लगातार फाइनेंशियल रिटर्न दिखाए और मुनाफ़े में हो
DVR कुल इक्विटी कैपिटल से 25% से अधिक नहीं हो सकता है.
(4) DVR का फ़ायदा-कंपनी वोटिंग राइट्स खोए बिना रकम जुटा सकती है. बड़े प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करने में आसानी कंपनी को ओपन ऑफर या जबरन ख़रीद का डर नहीं है.
(5) एक्सपर्ट्स का कहना है कि टाटा मोटर्स की बड़ी आमदनी यूरोप और चीन से होती है. ऐसे में वहां संकट बढ़ता जा रहा है. इसीलिए शेयर पर दबाव रह सकता है.